श्री राम की तस्वीर वाली मुद्रा प्रचलन में लाने हेतु बनारस के वकील ने RBI को लिखा पत्र
चौबेपुर के रहने वाले अधिवक्ता आनंद ज्योति सिंह ने RBI को पत्र लिखकर इसकी मांग की है। अधिवक्ता ने अपने पत्र में कहा कि भारत हिन्दू बाहुल्य देश है। यहां अत्यधिक संख्या में हिन्दू निवास करते हैं। अनेक देशों से धर्म व ध्यान योग की शिक्षा हेतु लोग भारत आते है और शिक्षा लेकर विश्व के कोने कोने में लोग जाते हैं।
कहा कि इस वर्ष हिन्दुओ के अति पवित्र पावन स्थल अमूल्य घरोहर श्री राम जन्म भूमि पर राम मंदिर का निर्माण हुआ है। जिसे लेकर आम जन मानस में अत्यधिक हर्ष व् उलास का माहौल है। पूरा देश राममय हो गया है। भारतीय मुद्रा भारत की विशेष पहचान के रूप में स्थापित है व् सम्पूर्ण विश्व में अपनी विशेष पहचान लिए हुए है। प्रार्थी सहित बहुतायत संख्या में आमजन की हार्दिक इच्छा है कि भारत की प्रचलन वाली मुद्रा पर श्री राम की तस्वीर प्रकाशित हो। जिससे भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में श्री राम का नाम एक नए उर्जावान रूप में पुनः विख्यात हो सके।
अधिवक्ता ने आगे बताया कि श्री राम मुद्रा को अक्टूबर 2001 में संयुक्त राज्य अमेरिका में महर्षि महेश योगी से जुड़े एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन ने दी। इसे ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस द्वारा जारी किया गया था। इस राम मुद्रा से उनके आश्रम के भीतर कोई भी व्यक्ति समान खरीद सकता था। हालांकि इस मुद्रा का इस्तेमाल सिर्फ आश्रम के भीतर या आश्रम से जुड़े सदस्यों के बीच ही किया जा सकता था। आश्रम के बाहर अन्य शहर में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था।
उक्त प्रकरण से स्पष्ट है कि भारत में रहने वाले भारतीय हिन्दू ही नहीं, वरन विश्व के सम्पूर्ण कोने में रहने वाले हिन्दू धर्म में आस्था व् विश्वास रखने वाले आम जन की हार्दिक अभिलाषा है कि भारतीय मुद्रा पर श्री राम की तस्वीर प्रकाशित हो। अत: प्रचलन की भारतीय मुद्रा श्री राम की तस्वीर के साथ जारी करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें।
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