बनास काशी संकुल में बनेगा बनारस का मशहूर लाल पेड़ा और लौंगलता, बनारसी मिठाइयों को देश-विदेश में मिलेगी पहचान
वाराणसी। बनास काशी संकुल में सिर्फ दूध, दही, मक्खन ही नहीं, बल्कि बनारस का मशहूर लाल पेड़ा और लौंगलता भी तैयार होगा। ये मिठाइयां अमूल ब्रांड के नाम से बाजार में लांच की जाएगी। इससे बनारस की लजीज मिठाइयों को देश-विदेश में पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी वाराणसी दौरे के दौरान बनास काशी संकुल का उद्घाटन करेंगे।
बनास काशी संकुल में प्रतिदिन 10,000 किलोग्राम क्षमता की पारंपरिक भारतीय मिठाइयों के निर्माण की अत्याधुनिक सुविधा स्थापित की गई है। इस संयंत्र में विभिन्न मिठाइयां जैसे लाल पेड़ा, लौंगलता, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, रसमलाई, रबड़ी, काजू कतली, मिल्क केक, रसगुल्ला और गुलाबजामुन बनाया जाएगा। इन सभी मिठाइयों का निर्माण यथासंभव स्वचालित रूप से सबसे स्वच्छ वातावरण और उपकरणों में किया जाएगा, ताकि मिठाई की लगातार गुणवत्ता, सेल्फ लाइफ और पारंपरिक स्वादको सुनिश्चित किया जा सके।
विभिन्न मिठाइयों की पैकिंग उपभोक्ता की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न SKU में की जाएगी। मिठाइयों की ताजगी, सेल्फ लाइफ और उपभोक्ताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए लालपेड़ा, लड्डू, लौंगलता और काजू कतली के लिए सिंगल सर्व पैकिंग की शुरुआत इस प्लांट से की जा रही है| वाराणसी की प्रसिद्ध मिठाईयों को अमूल ब्रांड के नाम से राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया जाएगा।
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