7 जुलाई को काठ की हवेली से निकलेगी बाबा कालभैरव की शोभायात्रा, बाबा की पंचबदन प्रतिमा के होंगे दर्शन, 1954 में हुआ था शुरू

baba kaalbhairav
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वाराणसी। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी बाबा कालभैरव की शोभायात्रा भव्य तरीके से निकाली जाएगी। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी की ओर निकाली जाने वाली यह यात्रा इस वर्ष 7 जुलाई को निकाली जाएगी। यह यात्रा काठ की हवेली से निकलकर कालभैरव मंदिर तक जाएगी। 

कमेटी के पदाधिकारियों के मुताबिक, बाबा कालभैरव की यह यात्रा 1954 से अनवरत जारी है। शोभायात्रा के मार्ग में पड़ने वाले 40 स्थानों पर बाबा की पूजा-अर्चना की जाएगी। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के अध्यक्ष कमल कुमार सिंह ने बताया कि स्वर्ण रजत प्रतिमा का निर्माण हमारे स्वर्णकार समाज के विष्णु सेठ के प्रयास से 1954 में किया गया था। तभी से यह शोभायात्रा निकाली जा रही है। इसमें स्वर्णकार समाज के सहयोग से स्वर्ण और रजत की प्रतिमा बनवाई। उसके बाद काठ की हवेली चौखंबा से उठकर यह प्रतिमा काल भैरव मंदिर पहुंचती है।

कमल कुमार सिंह ने बताया कि यह शोभायात्रा समाज के उत्थान के लिए निकाली गई। इससे स्वर्णकार क्षत्रिय समाज के साथ ही साथ काशी का हर आम और खास व्यक्ति जुड़ा हुआ है। शोभायात्रा के रस्ते में 40 स्थानों पर श्रद्धालु विशेष आरती करेंगे। इस दौरान हजारों श्रद्धालु शोभायात्रा के साथ-साथ चलेंगे।

7 जुलाई को यह यात्रा 71वें वर्ष में पहुंच जाएगी। यह यात्रा काठ की हवेली से होकर चौखंबा से प्रारंभ होकर बीबी हटिया, जतनबर, विश्वेश्वरगंज, महामृत्युंजय, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुआं, गोलघर, भुतही इमली होते हुए काल भैरव मंदिर में समाप्त होगी।

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