सिगरा थाने पर एसीपी ने नए कानूनों के विषय में प्रबुद्धजनों को दी जानकारी, कहा – अब केस की सुनवाई में आयेगी तेजी
वाराणसी। देशभर में नया कानून लागू होने पर कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में प्रबुद्ध जनों के साथ मीटिंग कर पुलिस के अधिकारियों ने कानूनों के बारे में जानकारी दी। इसी क्रम में सिगरा थाने पर एसीपी चेतगंज गौरव कुमार ने क्षेत्र के विभिन्न प्रबुद्ध जनों के साथ मीटिंग कर उन्हें कानूनों के बारे में जानकारी दी।
इस मीटिंग के विभिन्न क्षेत्रों के सभासद, व्यापार मंडल के पदाधिकारी व अन्य सम्मानित नागरिक शामिल हुए। सभी ने पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा बताए गये कानूनों के बारे में जाना और उसकी सराहना की। इस मीटिंग में सिगरा व चेतगंज थाने के सभी पुलिसकर्मी भी शामिल हुए।
एसीपी गौरव कुमार ने बताया कि तीन कानून हैं। जिसके तहत कई नई धाराएं बनी हैं। वहीं कुछ धाराओं में बदलाव किए हैं। जिसके तहत मुकदमों की सुनवाई में तेजी आयेगी। पीड़ित को भी अपना पक्ष रखने का समय दिया जायेगा। साथ ही अपराध भी अब कम होंगे।
नये भारत के नए कानून -
- आतंकवाद के खिलाफ अब ZERO TOLERANCE
- पहली बार भारतीय न्याय संहिता में दी गई आतंकवाद की व्याख्या
- आतंकवाद को अब बनाया गया दंडनीय अपराध
- संगठित अपराध के खिलाफ सख्त कदम
- संगठित अपराध के खिलाफ नई दांडिक धारा जोड़ी गई
- सिडिंकेट के विधिविरुध्द गतिविधि को बनाया गया दंडनीय
- भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ कृत्य नए प्रावधानों में शामिल सशस्त्र विद्रोह
- विध्वंसक कृत्य एवं अलगाववादी गतिविधियाँ भी हुई शामिल
- कानूनी प्रकिया हुई तेज, नियमों में हुआ सुधार
- अपराध की सूचना प्राप्त होते ही घटनास्थल पर विचार किए बिना दर्ज करनी होगी ZERO FIR। यानी पीड़ित अब किसी भी थाने पर FIR कर सकेगा। उसे 15 दिनों के भीतर अपना केस संबंधित थाने पर ले जाना होगा।
- E-FIR की कार्रवाई में सुधार, प्रक्रिया हुई तेज । छोटे अपराधों के लिये सामुदायिक सेवा भी हुई दण्ड के रुप में शामिल
- विकसित भारत में होगा फोरेंसिक का बेहतर उपयोग
- 7 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेसिंक जाँच अनिवार्य सभी राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों में फोरेंसिक का इस्तेमाल होगा जरुरी
- 5 वर्ष के भीतर राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तैयार
- महिलाओं के प्रति अपराध पर अब नही होगा कोई समझौता
- गैंगरेप के मामलों में अब कम से कम 20 साल की सजा या आजीवन कारावास
- झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना, अब अपराध की श्रेणी में शामिल
- 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के मामले में आजीवन कारावास या मृत्यु दंड,
- राजद्रोह कानून को पूरी तरह से किया गया निरस्त
- मृत्यदण्ड की सजा को अब आजीवन कारावास में ही बदला जा सकेगा
- आजीवन कारावास को 7 वर्ष तक की सजा में बदला जा सकेगा।
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