आरोग्य संसद काशी ने छेड़ी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जागृत करने की मुहिम, चकित्सकों का हुआ सम्मान

वाराणसी। आरोग्य संसद काशी का दो दिवसीय कार्यक्रम का दुर्गाकुंड क्षेत्र स्थित धर्म संघ में रविवार को शुभारम्भ हुआ। इस कार्यक्रम में 16 राज्यों से 700 से अधिक छात्र, डॉक्टर, वैद्य व अध्यापकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में आयुर्वेद के उपयोग, उपचार के साथ आयुर्वेद की शिक्षा दी जा रही है। कार्यक्रम दो दिन चलेगा जिसमें 4 सत्र आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति हरेराम त्रिपाठी व प्रो. राम नारायण द्विवेदी मौजूद रहे। इसमें आयुर्वेद के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान लाइफ टाइम अवॉर्ड कौशलेंद्र पांडेय को दिया गया। इसके अलावा डॉक्टर पूजा मिश्रा, विनय पांडेय, जीएन पुरोहित अन्य लोगों को सम्मानित किया गया। वैद्य प्रशांत ने बताया कि आरोग्य संसद काशी कार्यक्रम में ऐसी विधाओं पर चर्चा की जाएगी जो लुप्त हो चुकी हैं। यहां बड़ी संख्या में शिक्षक शोधार्थी और छात्र मौजूद हैं। यहां पर अग्निकर्म, उत्तर बस्ती, पंचकर्म को लाइव माध्यम से करके दिखाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अग्निकर्म चिकित्सा के माध्यम से सर्वाइकल, माइग्रेन सहित अन्य जटिल बीमारियों का उपचार होता है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पूरी तरह से युक्त होती दिखाई दे रही है। लेकिन हम पुनः एक बार आयुर्वेद को जागृत करने के लिए इस तरह का आयोजन कर रहे हैं। खुशी की बात यह है कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर इन्हें जानने और सीखने की उत्साह दिखा रहे हैं।
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