अरावली बचाओ आंदोलन: काशी विद्यापीठ में छात्रों का प्रदर्शन, सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग 

WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण को लेकर छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने सरकार द्वारा प्रस्तावित 100 मीटर से छोटी पर्वत श्रृंखलाओं को तोड़ने के सरकार के निर्णय को गलत बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। छात्रों का कहना है कि यह निर्णय न केवल प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ेगा, बल्कि भारत के भविष्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करेगा।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार को जगाने और इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। उनका कहना था कि अरावली पर्वत श्रृंखला देश की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखलाओं में से एक हैं। यह पर्वत श्रृंखला पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में पहाड़ियों को तोड़ने का निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अदूरदर्शी है।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अध्यक्ष पद प्रत्याशी शिवम यादव ‘भक्ति’ ने कहा कि अरावली की पहाड़ियों को तोड़ने का सरकार का फैसला पूरी तरह गलत है। उन्होंने बताया कि 100 मीटर से छोटी पर्वत श्रृंखलाओं को तोड़ने का निर्णय लिया गया है, जिससे न केवल मानव जीवन प्रभावित होगा बल्कि इन पहाड़ियों पर आश्रित पशु-पक्षियों का अस्तित्व भी संकट में पड़ जाएगा। इससे आने वाली पीढ़ियों को गंभीर प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

इस दौरान अनुज कुमार, जतिन पटेल, जन्नत अख्तर, देवेन्द्र विश्वकर्मा, विशाल सोनकर, सोनू, अमन यादव, आकाश सोनकर, विकास सोनकर, मनीष, पवन, विनय सहित कई छात्र शामिल रहे। सभी छात्रों ने एक स्वर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।

Share this story