धान की बालियों से मां अन्नपूर्णा मंदिर का अद्भुत श्रृंगार, किसानों ने अर्पित की पहली फसल, महाव्रत का हुआ समापन
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वाराणसी। काशी विश्वनाथ कारिडोर के समीप स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर का सोमवार को धान की बालियों से अद्भुत श्रृंगार किया गया। पूर्वांचल के किसानों ने मां के दरबार में पहली फसल अर्पित किया। इसके साथ ही 17 दिवसीय महाव्रत अनुष्ठान का भी समापन हो गया। ऐसी मान्यता है कि मां के दरबार धान की बालियां अर्पित करने से सुख-समृद्धि आती है।
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानी दो दिसंबर से मां अन्नपूर्णा के 17 दिन तक चलने वाले कठिन महाव्रत का शुभारंभ हुआ। था लोगों ने 17 दिनों तक महाव्रत का अनुष्ठान कर मां की विधिविधान से साधना की। इसके समापन के अवसर पर सोमवार को मां के दरबार को भव्य तरीके से सजाया गया। गर्भगृह को धान की बालियों के सजाया गया। वहीं बाहर भी श्रृंगार किया गया। इस दौरान माता के दर्शन को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
सोमवार को पूर्वांचल के किसान पहली फसल लेकर मां के दरबार में पहुंचे। किसानों की धान की पहली बाली मां को अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। इन्हीं बालियों से मंदिर का श्रृंगार किया गया। मंगलवार को सुबह से मंदिर बंद होने तक बालियां प्रसाद स्वरूप भक्तों में वितरित की जाएंगी।