सोलर ऊर्जा से जगमग होंगे बनारस के सभी सरकारी भवन, ऊर्जा की बचत के साथ पर्यावरण को भी होगा लाभ, पैसे भी बचेंगे

Solar plant in varanasi
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वाराणसी। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के विशेष प्रयासों से जनपद के सरकारी भवनों पर सोलराइजेशन का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। यूपी नेडा विभाग की देखरेख में विकास खंड, तहसील, और पैक हाउस के भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाए जा रहे हैं। इस पहल से सरकारी विभाग न केवल बिजली बिल में बचत करेंगे बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे। संबंधित फर्म को कार्यादेश जारी कर दिया गया है, और जल्द ही सभी भवनों पर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे।

यह परियोजना "पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" के तहत चलाई जा रही है। इसमें सरकारी भवनों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। 25 किलोवॉट से कम विद्युत भार वाले भवनों पर कैपेक्स मॉडल और 25 किलोवॉट से अधिक भार वाले भवनों पर रेस्को मॉडल के तहत सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि इस परियोजना से सरकारी विभाग सूर्य की रोशनी से बिजली का उत्पादन कर सकेंगे, जिससे वित्तीय बचत के साथ पर्यावरण की रक्षा भी होगी।

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बड़े भवनों पर सोलर संयंत्र लगने से खर्च भी होंगे कम

कमिश्नरी, विकास भवन, कलेक्ट्रेट, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, और बीएचयू मालवीय भवन जैसे प्रमुख सरकारी भवनों में पहले से ही सोलर संयंत्र लगे हुए हैं। इन भवनों में बिजली की बचत के सकारात्मक परिणाम देखे जा रहे हैं। यह परियोजना सरकारी खर्चों को कम करने और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रही है।

तहसील और विकास खंड स्तर पर सोलर स्थापना

तहसील स्तर पर राजातालाब की पुरानी बिल्डिंग पर 7.5 किलोवॉट और नई बिल्डिंग पर 5 किलोवॉट के सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। तहसील सदर में 15 किलोवॉट और पिंडरा में 45 किलोवॉट का सोलर इंस्टालेशन कार्य चल रहा है। इसी प्रकार सेवापुरी (15 किलोवॉट), चिरईगांव (5 किलोवॉट), अराजी लाइन (15 किलोवॉट), बड़ागांव (13 किलोवॉट), पिंडरा (11 किलोवॉट), काशी विद्यापीठ (4 किलोवॉट), चोलापुर (5 किलोवॉट), और हरहुआ (5 किलोवॉट) जैसे विकास खंडों में सोलर रूफटॉप लगाए जाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है।
 

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