Akanksha Dube Case : मौत की यदि निष्पक्ष जांच हुई तो कई बड़े चेहरे सामने आ जाएंगे

वाराणसी। भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की संदिग्ध हालात में मौत के मामले की जांच पर अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी और आकांक्षा की मां मधु दुबे ने पुलिस की जांच पर फिर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जिस एंगल पर जांच हो रही है वह सतही है। असली मामला कुछ और है। यदि जांच निष्पक्षता के साथ हत्या के एंगल से होगी तो कई बड़े चहरे सामने आ जाएंगे।
अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि मृतका आकांक्षा की मां मधु दुबे बुधवार को एसआईटी या सीबीआई जांच की मांग के लिए कचहरी आई थी। अधिकारियों से उनकी मुलाकात नही हो सकी। अब वह गुरूवार को फिर इसी मांग के लिए कचहरी आएंगी। अधिवक्ता ने कहाकि यदि इस मामले की एसआईटी या सीबीआई जांच होगी तो कई नामी और बड़े लोग इसकी जद में आएंगे। कुछ नामचीन चेहरे भी हैं जो पर्दे के पीछे से इस साजिश में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहाकि विवेचना तो आत्महत्या और पैसे के लेनदेन के इर्द गिर्द हो रही है। यदि हत्या के एंगल से जांच होती तो कई तथ्य सामने आएंगे। विवेचना के दौरान अबतक मृतका की मां और मुकदमे की वादिनी मधु दुबे का बयान नही लिया गया। जांच में झोल है।
इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा। उधर, कहचरी में मधु दुबे ने मीडिया से एक बार फिर कहा कि मेरी बेटी की हत्या हुई है। बेटी महमूरगंज स्थित होटल से लौटी तो उसे साथ लेकर आनेवाला युवक 20 मिनट तक उसके कमरे में था। इसके बाद वह गया। मेरा आरोप है कि उसी युवक ने बेटी की हत्या की। आकांक्षा समर व संजय की धमकी के बावजूद दूसरे के साथ फिल्म के लिए काम करने लगी थी। इस समर और संजय को नागवार लगा था। इसके लिए दोनों ने बेटी को जान से मरवा देने की धमकी दी थी। उसके बाद फिल्म की शूटिंग से ठीक एक दिन पहले बेटी मार दी गई। मेरी बेटी आत्महत्या कर ही नही सकती। मैं यह मानने को तैयार नही हूं। गौरतलब है कि इस चर्चित मुकदमे में शशांक शेख त्रिपाठी के अलावा अधिवक्ता अनिल पांडेय, विनय तिवारी, राजकुमार तिवारी, अशोक यादव, गुड्डू छिग्नेवारा, दीपक वर्मा, आलोक व सौरभ की टीम लगी हुई है।
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