अयोध्या के बाद अब काशी मथुरा मुक्ति की मांग तेज, काशी में आयोजित होगा 9 दिवसीय शतचंडी महायज्ञ
वाराणसी। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठित होने के बाद काशी-मथुरा के मंदिरों के पुनरुद्धार की मांग तेज होने लगी है। जिसके लिए काशी में एक महायज्ञ आयोजित होने जा रहा है। इसकी जानकारी रविवार को उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने दी। उन्होंने बताया कि यह शतचंडी महायज्ञ 29 मार्च से 6 अप्रैल तक दाफी स्थित आशीर्वाद वाटिका में आयोजित किया जायेगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के विराजमान होने के बाद अब मथुरा में भगवान कृष्ण एवं काशी में आदि विश्वेश्वर महादेव के स्थापित होने की कामना को लेकर श्रीमद् देवी भागवत कथा एवं शतचण्डी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से 7 बजे तक होगा तथा शतचण्डी महायज्ञ प्रतिदिन सुबह 7 बजे से 12 बजे तक होगा।
देवी उपासिका ने बताया कि देवी भागवत कथा कहने का मुख्य उद्देश्य मातृ शक्ति को अबला से सबला बनाना है। आज महिलायें हर कदम में पुरुषों से आगे हैं फिर भी कन्या भ्रूण हत्त्या रूक नहीं रहा है। देवी उपाशिका गीतांबा तीर्थ ने कहा कि समाज को दहेज रहित विवाह के लिए आगे आना होगा। आज लड़कियां डॉक्टर इंजीनियर रेलवे पुलिस से पायलट सहित अन्य कार्य को बखूबी निभा रही है। आज वह हर क्षेत्र में आगे हैं। घर के चूल्हा चौका से लेकर हवाई जहाज तक लड़कियां कार्य कर रही है और पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही है।
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