वाराणसी में हीट वेव को लेकर अलर्ट पर प्रशासन, डीएम ने बैठक कर बचाव के लिए बनाई रणनीति, विभागवार दिए निर्देश, तय हुई जिम्मेदारी

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस वर्ष तापमान में असामान्य वृद्धि की संभावना है, जिससे लू और हीट वेव का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे समय रहते प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें, ताकि आम जनता को इस समस्या से बचाया जा सके। उन्होंने विशेष रूप से जल संकट की स्थिति को गंभीरता से लेने और किसी भी प्रकार की परेशानी से निपटने के लिए तत्पर रहने का आदेश दिया।
स्वास्थ्य विभाग को मिले अहम निर्देश
1. जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हीट वेव के मरीजों के लिए विशेष बेड आरक्षित किए जाएंगे।
2. मरीजों के लिए कूल रूम की व्यवस्था की जाएगी और सभी अस्पतालों में 108/102 जैसी आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय रखा जाएगा।
3. अस्पतालों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
4. प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ORS और तरल पदार्थ का पर्याप्त स्टॉक रखा जाएगा।
5. सभी स्वास्थ्य केंद्रों को 24x7 क्रियाशील रखा जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित उपचार संभव हो।
6. ‘क्या करें, क्या न करें’ की जानकारी देकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
7. हीट वेव से होने वाली मौतों की जांच के लिए मानक प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
नगर निगम की तैयारियां
1. सार्वजनिक स्थलों, चौराहों और सब्जी मंडियों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
2. जरूरत के अनुसार पानी के टैंकर और प्याऊ लगाए जाएंगे।
3. स्मार्ट सिटी के एलईडी स्क्रीन पर हीट वेव से बचाव से संबंधित शॉर्ट फिल्म दिखाई जाएगी।
4. नगर निगम के पीए सिस्टम और कूड़ा वाहनों के स्पीकर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।
5. पेयजल संकट से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
6. खुले पार्कों में छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी और सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाएगा।
7. शवदाह स्थलों पर छांव और पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाएगी।
पशुपालन विभाग की भूमिका
1. ग्राम स्तर पर पशुपालकों को जागरूक किया जाएगा ताकि वे अपने पशुओं को गर्मी से बचाने के उपाय कर सकें।
2. पशुओं के लिए पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी और जरूरत पड़ने पर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव होगा।
3. पशुओं की सुरक्षा के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
4. पशु चिकित्सा केंद्रों में आवश्यक दवाओं का भंडारण किया जाएगा।
अग्निशमन विभाग की तैयारियां
1. सभी तहसीलों और अग्निशमन केंद्रों को 24x7 क्रियाशील रखा जाएगा।
2. सरकारी विभागों, स्कूलों और अस्पतालों का फायर ऑडिट पूरा किया जाएगा।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में आग से बचाव के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
श्रम विभाग के निर्देश
1. श्रमिकों के कार्य स्थलों पर पेयजल और छाया की व्यवस्था की जाएगी।
2. श्रमिकों के कार्य घंटों में बदलाव किया जाएगा।
3. श्रमिकों के लिए गर्मी से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूकता कैंप लगाए जाएंगे।
4. नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा।
शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए कदम
1. ग्रीष्मकाल में स्कूलों के समय में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जाएगा।
2. सभी स्कूलों में ठंडे पेयजल और पंखों की उचित व्यवस्था की जाएगी।
3. लू से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पंचायत राज एवं ग्राम विकास विभाग के प्रयास
1. ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक स्थलों और चौराहों पर पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
2. पानी के टैंकर और प्याऊ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
3. तालाबों और पोखरों में पानी भरवाया जाएगा ताकि पशुओं को पेयजल की समस्या न हो।
4. मृत पशुओं के उचित निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी।
विद्युत विभाग की अहम भूमिका
1. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
2. गर्मी के मौसम में लो वोल्टेज की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी की जाएगी।
3. किसी भी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में त्वरित समाधान किया जाएगा।
परिवहन विभाग के निर्देश
1. बस स्टैंडों पर पेयजल और छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
2. स्वास्थ्य टीमों को तैनात किया जाएगा ताकि यात्रियों को आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व), नगर प्रशासन, स्वास्थ्य, आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी और अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।