बनारस में स्थापित होगा नया सीड पार्क, कृषि मंत्री ने की घोषणा, खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में उन्नत खेती पर मंथन 

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वाराणसी। गिरिजा देवी चौका घाट स्थित सांस्कृतिक संकुल भवन में शुक्रवार को संयुक्त मंडलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में वाराणसी, आजमगढ़ और मिर्जापुर मंडलों के किसान, कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी और जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने शिरकत की। 

गोष्ठी का उद्घाटन कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए दलहन, तिलहन और मक्का जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य किसानों को 10 लाख कुंतल प्रमाणित बीज उपलब्ध कराना है, जिसे इस वर्ष प्राप्त किया जाएगा। इसके अलावा, बीज सर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने के लिए अगले वर्ष बनारस में एक नया सीड पार्क स्थापित किया जाएगा।

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कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में चार और सीड पार्क स्थापित किए जाएंगे और बीज निगम किसानों से बीज क्रय करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को वैज्ञानिक विधियों से खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है, जिससे उनकी उपज में वृद्धि हो और आय में सुधार हो। उन्होंने किसानों से निर्यात योग्य उत्पाद तैयार करने की अपील की और बताया कि सरकार की मंशा है कि किसानों की उपज विदेशों की थालियों में पहुंचे।

कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि सरकार किसानों को समय पर गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने किसानों से सोलर प्रोजेक्ट्स पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ उठाने और सोलर योजनाओं को अपनाने की अपील की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

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गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि किसानों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता पर किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद स्तर पर क्रॉप कटिंग का कार्य सही तरीके से कराया जाए ताकि फसलवार उत्पादन का सटीक आंकड़ा प्राप्त हो सके। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाए।

प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र कुमार ने नहरों की समस्याओं, एफपीओ को आगे बढ़ाने और नरेगा को किसानों से जोड़ने की बात कही। उन्होंने बताया कि मक्का की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल उत्पादन में मक्के के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

मंडलायुक्त वाराणसी एस. राजलिंगम ने बताया कि मंडल में साढ़े छह लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर खेती हो रही है और उत्पादकता को 35 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उर्वरक और रक्षा रसायनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और सब्जी खेती के रकबे को वैल्यू एडिशन की दिशा में ले जाया जा रहा है।

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मंडलायुक्त आजमगढ़ विवेक ने बताया कि उनके मंडल में सभी योजनाओं के सापेक्ष लक्ष्य प्राप्त किए गए हैं। उन्होंने नीलगाय से होने वाले नुकसान की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए सोलर फेसिंग पर सब्सिडी की मांग की।

मंडलायुक्त मिर्जापुर बालकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि उनके मंडल में धान की फसल को कम करके दलहन के रकबे को बढ़ाया गया है। उन्होंने नहरों से सिंचाई, राजकीय नलकूपों की उपलब्धता और जंगली जानवरों से बचाव हेतु सोलर फेसिंग पर सब्सिडी की आवश्यकता पर बल दिया।

जिलाधिकारी वाराणसी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जनपद में खाद, बीज और कीटनाशकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को लाभ मिल रहा है और नहरों के टेल तक पानी पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सही समय से बुवाई करने से उत्पादकता में 20-25% तक वृद्धि हो सकती है।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने गोष्ठी में आए किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि सभी किसान यहां से कृषि ज्ञान लेकर जाएं ताकि उनकी आमदनी दोगुनी करने में मदद मिले। गोष्ठी में विभिन्न वैज्ञानिकों ने भी किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान की। कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर वाराणसी की वैज्ञानिक डॉ. पूजा सिंह ने बताया कि वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन कर कम लागत में अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.के. मलिक ने धान की सीधी बुवाई (डीएसआर) की विधि के बारे में जानकारी दी और बताया कि इससे कम लागत में अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है।


गोष्ठी में किसानों द्वारा उठाई गई समस्याओं पर भी चर्चा की गई। कृषि यंत्रों की बुकिंग के दौरान जमा धनराशि वापस न किए जाने की शिकायत पर कृषि मंत्री ने कृषि निदेशक को निर्देशित किया कि एक सप्ताह के भीतर टोकन मनी वापस की जाए। गोष्ठी के अंत में संयुक्त कृषि निदेशक वाराणसी मंडल शैलेन्द्र कुमार ने सभी अधिकारियों और किसानों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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