वाराणसी के जांबाज CFO अनिमेष सिंह का ट्रांसफर, हर अग्निकांड में दिखाई दिलेरी, बनारस में तैयार किये 800 अग्निसचेतक
वाराणसी। प्रदेश सरकार ने यूपी के 37 जिलों के चीफ फायर ऑफिसर्स के ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिये हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मंगलवार शाम अग्निशमन विभाग की बैठक के बाद अधिकारियों के जिलों को बदला गया है। इसमें वाराणसी के जांबाज मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनिमेष सिंह का तबादला अलीगढ़ के लिए किया गया है। इनकी जगह पर अब कासगंज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत को वाराणसी जिले की कमान सौंपी गयी है।
दिलेरी के दम पर बचा चुके हैं कई जिंदगियां
वाराणसी के चीफ फायर ऑफिसर अनिमेष सिंह ने अपनी दिलेरी के दम पर वाराणसी में तमाम जिंदगियों को बचाया है। बीते अप्रैल माह में सिगरा थानान्तर्गत अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट में आग के तांडव से जब पूरा शहर दहल गया था, तब प्रशासन की तत्परता और अनिमेष सिंह और उनकी टीम की जांबाजी से 50 से भी ज्यादा जिंदगियों को बचाया गया था। अनिमेष सिंह की अग्निशमन टीम ने 1 दर्जन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के साथ घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और बिल्डिंग में फंसे लोगों को बाहर निकाला।
फुटवियर की दुकान में बचायी थी आठ जिंदगियां
साल 2021 के जून महीने में अंध्रापुल स्थित अंजली फुट वियर की दुकान में आग लगने के दौरान बिल्डिंग की छत पर मासूम सहित आठ लोग फंस गये थे। सूचना पर अपनी टीम के साथ पहुंचे अनिमेष सिंह ने मोर्चा संभालते हुए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की सहायता से सभी आठों लोगों की जान बचाने में कामयाब हुए थे। इस दौरन अग्निशमन अधिकारी चेतगंज कुंवर सिंह के कार्यों की भी काफी प्रशंसा हुई थी।
जहां आग वहां अनिमेष
इसी प्रकार बीते 14 जुलाई को मणिकर्णिका घाट पर चिंता की चिंगारी से लकड़ी के टीले में आग लग गई थी, जहां दमकल गाड़ी का पहुंचना असंभव था। तब उनकी टीम सभी जरूरी उपकरण लेकर घाट पर गए और गंगाजी के पानी से आग पर काबू पाया था। इसके अलावा जुलाई में ही कोतवाली के नखास क्षेत्र में आरा मशीन की गोदाम में आग लगने से अफरातफरी मच गई थी, तब अनिमेष सिंह दमकल आठ गाड़ियों के साथ पहुंचे और करीब 7 घंटे की मशक्कत में बाद आग को बुझाने में सफलता हासिल की।
800 युवाओं को बनाया अग्निसचेतक
सिर्फ इतना ही नहीं वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों में आग से फसलों के नुकसान होने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए अनिमेष सिंह ने जिले के सभी आठों ब्लॉक में कुल 800 युवाओं को अग्निसचेतक के रूप में ट्रेनिंग देकर तैयार किया। सभी को 3 दिन की ट्रेनिंग दी गयी है। इसके बाद अब गांव के युवा अग्निशमन विभाग के साथ वॉलेंटियर के तौर पर सहयोग करेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में आग के विकराल रूप लेने से पहले ही उसे रोका जा सके।

