वाराणसी : शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री के दर्शन को मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, घरों में सजा मां का दरबार, शैलपुत्री मंदिर में सुबह नौ बजे तक 50 हजार भक्तों ने टेका मत्था
वाराणसी। शारदीय नवरात्र की शुरूआत सोमवार से हुई। आदि शक्ति की आराधना का क्रम इस बार पूरे नौ दिनों तक चलेगा। हर दिन देवी के अलग स्वरूप की आराधना होगी। पहले दिन माता के शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन-पूजन करने के लिए मंदिरों में आस्थावानों की भीड़ उमड़ी। घरों में भी कलश स्थापना के साथ पूजा-पाठ का क्रम शुरू हो गया, जो चार अक्टूबर तक चलेगा। जैतपुरा स्थित शैलपुत्री मंदिर में सुबह नौ बजे तक 50 हजार भक्तों ने मत्था टेका।

नवरात्र की तैयारी में लोग एक दिन पहले से ही लगे थे। सोमवार की भोर से ही मां की आऱाधना का क्रम शुरू हो गया। भोर से ही मंदिरों में श्रद्धालु पहुंचने लगे। सुबह होते-होते लंबी लाइन में लगे भक्त माता के दर्शन कर निहाल हो गए। दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर, शैलपुत्री मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में श्रद्धालु उमड़े। इस दौरान फूल-माला की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ दिखी।

इस बार हाथी पर सवार होकर सुख-समृद्धि लेकर आई हैं मां
जैतपुरा स्थित माता शैलपुत्री मंदिर के प्रमुख सेवक छोटेलाल ने बताया कि मां इस बार हाथी पर सवार होकर आई हैं और नौका पर इनकी विदाई होगी। इसलिए सुख-समृद्धि की आशा है। कोरोना जिस तरह से खत्म हो गया, उसी तरह से देश में जितनी भी आपदाएं हैं, सब खत्म हो जाएं, मां से यही प्रार्थना है। हिमालय पुत्री का नाम शैलपुत्री पड़ा है। इनके दर्शन मात्र से सभी दुखों का नष्ट होता है और धन-धान्य की वृद्धि होती है। भक्त की जैसी भावना होगी, वैसा ही फल मिलेगा। माता की पूजा मात्र एक फूल या गजरा से भी की जा सकती है। भक्त के भीतर भावना रहेगी तभी माता उसकी आराधना को स्वीकार करेंगी।

सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट, कंट्रोल रूम से हो रही निगरानी
डीसीपी वरूणा जोन आरती सिंह ने बताया कि सुरक्षा को लेकर पुलिस अलर्ट है। शैलपुत्री मंदिर में भोर से सुबह नौ बजे तक लगभग 50 हजार भक्तों के दर्शन करने की सूचना है। भीड़ को देखते हुए पुरूषों व महिलाओं की अलग-अलग लाइन लगवाई गई है। इसके लिए बाकायदा बैरिकेडिंग कराई गई है। कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। इसके जरिए निगरानी की जा रही है।


