वाराणसी : नमामि गंगे ने डाला छठ से घाटों की सफाई की, गंगा महल से सिंधिया घाट तक चला अभियान
वाराणसी। लोकमानस की आस्था से जुड़े पर्व सूर्य षष्ठी ( डाला छठ ) के पूर्व नमामि गंगे ने शुक्रवार को घाटों की सफाई की। संस्था के सदस्यों ने गंगा महल घाट से सिंधिया घाट तक स्वच्छता अभियान चलाया। गंगा किनारे पड़ी पूजन सामग्रियों को इकट्ठा किया गया। कूड़े-कचरे को कूड़ेदान में डाला गया। इसको लेकर लोगों को भी जागरूक किया।

सदस्यों ने पालीथिन में भरकर देवी देवताओं की मूर्तियां गंगा में विसर्जित कर रहे लोगों को रोका गया। मामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि अनादि काल से मनाए जाने वाले इस पर्व में धरती पर ऊर्जा का संचार करने वाले भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की जाती है। त्योहार से पहले नदी, तालाब, पोखर आदि जलाशयों की सफाई का काम शुरू हो जाता है। छठ पूजा का महत्व केवल धार्मिक अथवा लोकजीवन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और जीवनशैली के बीच के संबंधों को भी रेखांकित करता है।

कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम और नमामि गंगे जैसे कार्यक्रम को लेकर जागरुकता मिशन चला रहे हैं, तो लोकपर्व छठ के महत्व का जिक्र करना अधिक प्रासंगिक हो गया है, क्योंकि इस पर्व में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। सफाई का पूरा कार्य सामूहिक जनभागीदारी से संपन्न होता है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नई दिल्ली के प्रतिनिधि अथर्वराज पांडेय ने कहा कि धार्मिक महत्व के साथ ही स्वच्छता एवं पर्यावरण की दृष्टि से खास है छठ महापर्व। लोकपर्व छठ प्रकृति की अराधना का महापर्व है, जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का संदेश देता है। श्रमदान में संस्था की महानगर प्रभारी पुष्पलता वर्मा, सुरेश वर्मा उत्कर्ष पांडेय, शौर्य पांडेय, मोहित आदि शामिल रहे।


