आध्यात्मिक अनुभव हो तभी देवी-देवताओं की शक्तियों का अहसास होता है-वसंत विजय महाराज
वाराणसी। श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति राष्ट्रसंत वसंत विजय महाराज ने शुक्रवार को काशी कोतवाल भैरव उत्सव में अलौकिक, अतिदिव्य मंत्र शक्ति का भक्तों को अनुभव कराया। नरिया-सुंदरपुर स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें 25 राज्य व दुनिया के 20 देशों से श्रद्धालु आए हुए हैं। इस दौरान भक्तों ने मंत्रशक्ति के कई अनुभव किये। कुछ लोगों ने यह बताया कि उन्हें देवी-देवताओं के दर्शन भी हुए।

इस मौके पर वसंत विजय महाराज ने कहा कि भक्ति के साथ किसी प्रकार का आध्यात्मिक अनुभव घटित हो तभी देवी देवताओं की शक्तियों का एहसास का पता चलता है। आयोजन स्थल पर प्रतिदिन 1,08,000 भैरव मूर्तियों के निर्माण का क्रम जारी है।

शुक्रवार को भैरव देव की महिमा एवं मां पद्मावती जी के नाट्य मंचन की प्रस्तुति उज्जैन के 30 कलाकारों द्वारा दी गई। इस दौरान जरूरतमंदों में कम्बल का वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति सुखी नहीं है। किसी को शारीरिक, किसी को मानसिक तो किसी को आर्थिक परेशानी है। हर व्यक्ति किसी न किसी दुख, पीड़ा सहित अनेक कष्टों से जूझ रहा है।

