विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस : वाराणसी में आज नयी पीढ़ी से बंटवारे के दर्द को साझा करेगी पुरानी पीढ़ी, कई इलाकों में निकलेगा मौन जुलूस
- वाराणसी में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर होंगे कई कार्यक्रम
- सिंधी समाज शहीद उद्यान पार्क सिगरा से निकालेगी तिरंगा यात्रा
- सिगरा से निकलेगा मौन जुलूस, देखने को मिलेगी सर्व धर्म समभाव की झांकियां
- 1947 से वाराणसी में रह रही पहली पीढ़ी के लोग बटवारे के दर्द को करेंगे साझा
वाराणसी। पीएम के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। सिंधी समाज समेत अन्य संस्थाएं मौन जुलूस निकालकर गोष्ठी का आयोजन करेगा और प्रदर्शनी लगायी जाएगी। वहीं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में भी मौन जुलूस, गोष्ठी, डॉक्यूमेंट्री, पोस्टर के जरिए विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की तैयारी की गई है। संस्कृति विभाग और सूचना विभाग भी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर प्रदर्शनी और और व्याख्यान का आयोजन कर रहा है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर संपूर्ण प्रदेश में विभिन्न आयोजनों के साथ 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विभाजन से विस्थापित हुए परिवारों की पहली एवं दूसरी पीढ़ियों को साथ लेकर शरणार्थी बस्तियों, बाजारों, विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों से सभी के हाथों में तिरंगा लेकर मौन जुलूस का आयोजन एवं अभिलेख प्रदर्शनी स्थल पर प्रार्थना सभा शांति पाठ का आयोजन किया जाएगा।
सिंधु विकास समिति के अध्यक्ष चन्दन रुपानी ने बताय कि सिंधी समाज के करीब 1 हज़ार लोग सिगरा स्थित शहीद उद्यान पार्क से तिरंगा यात्रा के साथ मौन जुलूस निकालेंगे, जिसमे रघुपति राघवराजा राम भजन के साथ ही सर्व धर्म समभाव की झाकिया देखने को मिलेगा। मौन जुलूस लक्सा स्थित झूलेलाल मदिर में समाप्त होगा। यहाँ विभाजन की विभीषिका के दर्द के समेटे हुए प्रदर्शनी लगी होगी। साथ ही एक गोष्ठी का आयोजन किया गया है।
इसी प्रकार बीएचयू में भी मालवीय भवन से कैंपस में मौन जुलूस निकलने के बाद विभाजन विभीषिका पर व्याख्यान और प्रदर्शनी का आयोजन विज्ञान संस्थान सभागार में करेगा। इसके अलावा एलटी कॉलेज और गुरु नानक खालसा बालिका इंटर कॉलेज में भी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। काशी विद्यापीठ, यूपी कॉलेज और राजकीय महिला महाविद्यालय के साथ साथ बीएलडब्लू में डिबेट का आयोजन होगा। कई अन्य स्कूल प्रदर्शनी, व्याख्यान और मौन जुलूस का आयोजन कर रहे हैं। एलईडी के माध्यम से कई जगहों पर बंटवारे के दर्द सम्बंधित फिल्म दिखाई जाएगी।
1947 से वाराणसी में रह रहे हैं पहली पीढ़ी के लोग बटवारे के दर्द को दूसरी पीढ़ी के लोगों से साझा करेंगे। वे उस वक़्त के ख़ौफ़नाक मंजर और पूर्वजों द्वारा स्थापित घर, जमींन जायदाद और व्यापार सब कुछ छोड़ जान बचाकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए कैसे भारत आए तथा यहां आकर नये सिरे से कैसे भारत में व्यापार करके आज सम्मान जनक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, इसके बारे में बताएंगे।

