BHU- मंचकला एवं दृश्यकला के विविध आयाम‘ विषयक सात दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ
वाराणसी। गायन, वादन, नृत्य और चित्रकला अनुभाग, महिला महाविद्यालय द्वारा आयोजित ‘स्वातंत्र्योत्तर काल में मंचकला एवं दृश्यकला के विविध आयाम‘ विषयक सात दिवसीय (17 से 24 जनवरी) कार्यशाला का मंगलवार को शुभारम्भ हुआ। महिला महाविद्यालय के विज्ञान भवन के संगोष्ठी कक्ष में महामना मालवीयजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला की शुरूआत हुई। प्राचार्या प्रोफेसर इनु मेहता ने अतिथियों का स्वागत किया।

इस मौके पर प्रोफ़ेसर लयलीना भट्ट ने कार्यशाला के उद्देश्य और रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को भी बताया। कार्यशाला में प्रत्येक दिवस एक अतिथि विद्वान के वक्तव्य के साथ ही प्रयोगात्मक पक्ष की चर्चा और अभ्यास होगा। मुख्य अतिथि व हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हर्षवर्धन शर्मा कार्यशाला विषयक बातों को रखा। विशिष्ट अतिथियों में पद्मश्री प्रोफेसर राजेश्वर आचार्य, प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह, प्रोफ़ेसर प्रवीण उद्धव ने भी कार्यशाला से जुड़े अपने अपने विचार रखे।

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ अतिथि विद्वान के रूप में जुड़े विदुषी सुचरिता गुप्ता, प्रोफेसर राजेश शाह, डॉक्टर विधि नागर, प्रोफेसर प्रेमचंद होम्बल व अंकित प्रसाद उपस्थित रहे। संचालन प्रोफ़ेसर रिचा कुमार व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शोभित कुमार नाहर ने किया।
उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर के शशि कुमार, प्रोफेसर कृष्ण कांत शर्मा, डॉक्टर स्वर वंदना शर्मा, प्रोफ़ेसर शारदा वेलंकर, प्रोफेसर सरोज रानी, डॉ. सुनील कुमार सिंह कुशवाहा, डॉ. अवधेश, डॉ. उषा कुमारी, डॉ. अनामिका दीक्षित, डॉ. गीता सिंह, डॉ.अंजली शर्मा, डॉ. श्वेता कुमारी, डॉ. रश्मिका, डॉ.हरीश व विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ कार्यशाला में पंजीकृत सभी विधाओं के छात्र व छात्राएं रहीं।

