KIA Motors एजेंसी के नाम पर 72 लाख की ठगी, इंटरस्टेट साइबर गिरोह का पर्दाफाश, बिहार से चार शातिर गिरफ्तार
भेलूपुर क्षेत्र के निवासी तेजश्वी शुक्ला को KIA Motors की एजेंसी दिलाने के नाम पर एक साइबर गिरोह ने 72 लाख रुपये की ठगी की। इस धोखाधड़ी की सूचना शुक्ला ने साइबर क्राइम पुलिस थाने में दी, जहां उनके साथ हुई साइबर ठगी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने इस प्रकरण की जांच के दौरान चार अंतर्राज्यीय साइबर अपराधियों को पटना, बिहार से गिरफ्तार किया।
तेजश्वी शुक्ला ने शिकायत में बताया कि कुछ अज्ञात साइबर अपराधियों ने KIA Motors कंपनी की फर्जी वेबसाइट और ईमेल बनाकर उनसे एजेंसी दिलाने के नाम पर 72 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज, जैसे इनलिस्टमेंट लेटर और इन्टेंट लेटर भेजकर उन्हें अपने जाल में फंसाया। इसके बाद विभिन्न खातों में रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और GST के नाम पर पैसे जमा कराए गए। इन सभी लेन-देन के लिए फर्जी इनवॉयस भी भेजे गए थे।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, एक विशेष जांच टीम का गठन किया, जिसका नेतृत्व पुलिस उपायुक्त (अपराध) प्रमोद कुमार ने किया। अपर पुलिस उपायुक्त सरवणन टी. और सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार की निगरानी में उपनिरीक्षक संजीव कन्नौजिया के नेतृत्व में साइबर क्राइम टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, डिजिटल फुटप्रिंट और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग करके अपराधियों का पता लगाया। इस पूरी जांच के बाद चार साइबर अपराधियों को पटना, बिहार से गिरफ्तार किया गया।
अपराध का तरीका
यह गिरोह योजनाबद्ध तरीके से साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। इन्होंने KIA Motors के नाम पर फर्जी वेबसाइट और ईमेल बनाकर पीड़ितों को अपने जाल में फंसाया। गिरोह के सदस्यों ने फर्जी प्रतिनिधि बनकर पीड़ित से संपर्क किया और फर्जी दस्तावेज, जैसे इनलिस्टमेंट लेटर और इन्टेंट लेटर भेजे। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग खातों में पंजीकरण और अन्य शुल्क जमा करवाए। इन सभी लेन-देन के लिए फर्जी इनवॉयस का भी उपयोग किया गया।
साइबर अपराधियों ने फर्जी सिम कार्ड और म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया ताकि वे पुलिस की निगरानी से बच सकें। गिरोह के सदस्य तकनीकी रूप से दक्ष थे और साइबर अपराधों को बेहद योजनाबद्ध तरीके से अंजाम देते थे। उन्होंने अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करके एटीएम के माध्यम से नकदी निकाली। ठगे गए पैसों को आपस में बांट लिया गया था।
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए अपराधियों में प्रियरंजन कुमार, सत्येन्द्र सुमन उर्फ नेताजी, रंजन कुमार नालंदा, बिहार के व रमेश सिंह भूटोला दिल्ली का रहने वाला है। पुलिस ने इनके पास से 9 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, फर्जी बैंक खातों के रिकॉर्ड की डायरी, 20 डेबिट कार्ड, 2 सिम कार्ड और 22,460 रुपये नकद बरामद किए हैं। इस गिरोह के सदस्यों का आपराधिक इतिहास लंबा है। प्रियरंजन कुमार और रंजन कुमार के खिलाफ पहले भी कई मामलों में साइबर ठगी के आरोप दर्ज हैं।
पुलिस टीम ने इस केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में साइबर क्राइम टीम ने इस पूरे मामले को अंजाम तक पहुंचाया। टीम में निरीक्षक राजकिशोर पांडेय, अनीता सिंह, उप निरीक्षक संजीव कन्नौजिया, सतीश सिंह, और नीलम सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।
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