वाराणसी में 404 मकान जर्जर, कार्रवाई के लिए बनेगी चार विभागों की संयुक्त टीम
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम के समीप मंगलवार को दो मकानों के ढहने की घटना के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने घटनास्थल का जायजा लिया। दोनों भवन जर्जर थे। नगर निगम प्रशासन की ओर से भवन स्वामियों को पहले ही नोटिस जारी की थी, लेकिन किरायेदारी का मामला न्यायालय में लंबित होने की वजह भवन स्वामी की ओर से सुरक्षा के बाबत कोई इंतजाम नहीं किया गया। नगर निगम के रिकार्ड में शहर में 404 जर्जर मकानों की सूची दर्ज है, लेकिन सभी की स्थिति ऐसी ही है। ऐसे में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए अब चार विभागों की टीम गठित की जाएगी।
नगर निगम प्रशासन ने भवन स्वामी आशा देवी, पत्नी स्व. भरतलाल, उनके पुत्रों अनूप कुमार, विरेन्द्र कुमार, अजीत कुमार को पूर्व में ही दो बार नोटिस जारी की थी। भवन के जर्जर होने की वजह से भवनों को यथाशीघ्र गिराने को कहा गया था। स्पष्ट किया गया था कि भवन काफी जर्जर अवस्था में हैं। ऐसे में भवन को गिरवा दिया जाए। वरन किसी घटना की स्थिति में भवन स्वामी की स्वयं की जिम्मेदारी होगी।
नोटिस के बाद भी किरायेदारी के विवाद और न्यायालय में वाद होने की स्थिति में भवन स्वामी भवन स्वामी की ओर से सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किया जा सका। भवन गिरने के पश्चात नगर आयुक्त के निर्देश पर मुख्य अभियन्ता मोईनुद्दीन के नेतृत्व में मलबा हटाने की कार्रवाई की गई। नगर निगम सीमा क्षेत्र में 404 जर्जर भवनों की सूचना दर्ज है, जिसे नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा-331 के अन्तर्गत सभी भव स्वामियों को भवन गिराने की नोटिसे जारी की जा चुकी है। हालांकि अधिकतर भवनों में माकन मालिक एवं किरायेदारी के विवाद होने के कारण प्रकरण न्यायालय में चला जाता है। नगर में सभी जर्जर भवनों को गिराने या आवश्यक कार्रवाई के लिए चार विभागों क्रमशः जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम की कमेटी बनाई जाएगी। टीम संयुक्त रूप से परीक्षण करते हुए आवश्यक कार्रवाई करेगी।
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