वाराणसी में बाढ़ से 15 गांव और 10 मोहल्ले प्रभावित, 436 परिवार पहुंचाए गये सुरक्षित ठिकानों पर

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 वाराणसी। वाराणसी में गंगा नदी के उफान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, वाराणसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर 70.36 मीटर पर पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से अधिक और खतरे के निशान 71.26 मीटर से मात्र 0.90 मीटर नीचे है। गंगा का अब तक का अधिकतम जलस्तर 73.90 मीटर दर्ज किया गया है। बढ़ते जलस्तर ने शहर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
 वाराणसी। वाराणसी में गंगा नदी के उफान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, वाराणसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर 70.36 मीटर पर पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से अधिक और खतरे के निशान 71.26 मीटर से मात्र 0.90 मीटर नीचे है। गंगा का अब तक का अधिकतम जलस्तर 73.90 मीटर दर्ज किया गया है। बढ़ते जलस्तर ने शहर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
इन क्षेत्रों पर बाढ़ ने पैदा कीं मुश्किलें
बाढ़ ने वाराणसी की एक तहसील सदर, को अपनी चपेट में लिया है। कुल 15 ग्राम और 10 वार्ड/मोहल्ले इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। प्रभावित ग्रामों में रामपुर ढाब में कृषि और आबादी दोनों प्रभावित हुए हैं, जबकि रामचंदीपुर, मुस्तफाबाद, छीतौना, जाल्हूपुर, लुठा, अम्बा, शिवदसा, गोबरहा, मोकलपुर, हरिहरपुर, पिपरी, कैथी, टेकुरी और बर्थरा खुर्द में कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।

शहरी क्षेत्रों में सलारपुर, सरैया, नक्खी घाट, दानियालपुर, कोनिया, ढेलवरिया, पुल कोहना, रसूलगढ़, नगवां और पुष्कर तालाब जैसे वार्ड/मोहल्लों की आबादी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है। इन क्षेत्रों में कई घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

 वाराणसी। वाराणसी में गंगा नदी के उफान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, वाराणसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर 70.36 मीटर पर पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से अधिक और खतरे के निशान 71.26 मीटर से मात्र 0.90 मीटर नीचे है। गंगा का अब तक का अधिकतम जलस्तर 73.90 मीटर दर्ज किया गया है। बढ़ते जलस्तर ने शहर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।

53.6589 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न
बाढ़ ने वाराणसी के कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के अनुसार, 294 किसान प्रभावित हुए हैं, और 53.6589 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

 वाराणसी। वाराणसी में गंगा नदी के उफान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, वाराणसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर 70.36 मीटर पर पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से अधिक और खतरे के निशान 71.26 मीटर से मात्र 0.90 मीटर नीचे है। गंगा का अब तक का अधिकतम जलस्तर 73.90 मीटर दर्ज किया गया है। बढ़ते जलस्तर ने शहर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।

436 परिवार विस्थापित, 2019 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाये गये
बाढ़ के कारण कुल 436 परिवार विस्थापित हुए हैं, जिनमें से 209 परिवार बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जबकि 227 परिवार अन्य सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। कुल 2019 लोग इस आपदा से विस्थापित हुए हैं, जिनमें 953 लोग राहत शिविरों में और 1066 लोग अन्य स्थानों पर रह रहे हैं।

जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों के लिए 46 राहत शिविर चिन्हित किए हैं, जिनमें सदर में 37, पिंडरा में 3 और राजातालाब में 6 शिविर शामिल हैं। वर्तमान में 13 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

प्राथमिक विद्यालय, सलारपुर
प्राथमिक विद्यालय, सरईया
यूनाइटेड पब्लिक स्कूल, सरईया
सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बज़ार
चित्रकूट कान्वेंट स्कूल, नक्खीघाट
नवोदय स्कूल, दानियालपुर
सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया
रामजानकी मंदिर, ढेलवरिया
प्राथमिक विद्यालय, ढेलवरिया
डिप्टी कान्वेंट स्कूल, हुकुलगंज
जे पी मेहता इंटर कॉलेज, सिकरौल
गोपी राधा इंटर कॉलेज, रविंद्रपुरी
प्राथमिक विद्यालय, रामपुर ढाब

राहत और बचाव कार्य
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंध प्राधिकरण बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। आज 2677 लंच पैकेट, 192 फल, और 135 दूध पैकेट वितरित किए गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत 21 लोगों का उपचार राहत शिविरों में किया गया, 55 ओ.आर.एस. पैकेट और 125 क्लोरिन टैबलेट वितरित किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों के लिए 22 नावें संचालित की जा रही हैं।

कंट्रोल रूम और संपर्क
आपदा प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जहां लोग सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं। कंट्रोल रूम के नंबर हैं: 0542-2508550, 0542-2504170, 9140037137।

चुनौतियां और भविष्य की आशंका
गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब होने के कारण स्थिति और गंभीर हो सकती है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।

वाराणसी में बाढ़ ने हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है। प्रभावित परिवारों और किसानों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है। शहरवासियों से अपील है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और आपदा की इस घड़ी में एक-दूसरे का सहयोग करें।

जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, वाराणसी की ओर से सभी प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई है और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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