रामजानकी मठ में सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का महारुद्राभिषेक, 11 वैदिक विद्वानों ने किया महामृत्युंजय मंत्र का जाप
वाराणसी। सावन में पार्थिव शिवलिंग का पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। ऐसे में संत पंजाबी महाराज के जन्मोत्सव पर लोककल्याणार्थ रामजानकी मठ ट्रस्ट अस्सी में महामंडलेश्वर संत राजकुमार दास की सत्यप्रेरणा से प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का महारुद्राभिषेक, सहस्त्रार्चन व महामृत्युंजय जाप का आयोजन किया।
11 वैदिक विद्वानों एवं मठ के बटुकों ने पूर्वाह्न में पंडित उमाकांत याज्ञिक के आचार्यत्व में सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का गणेश पूजन के बाद पंचामृत दूध, दही, घी, शहद व शर्करा से स्नान कराया। तत्पश्चात अंगवस्त्रम व सुगंधित फूलों फलो मिष्ठान्नों द्वारा भगवान शिव का सामुहिक महाअभिषेक व आरती कर विश्वकल्याण व मानव जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि के लिए ईश्वर से मंगल कामना की प्रार्थना की गई।इस अवसर पर विद्वानों व बटुकों द्वारा महामृत्युंजय जाप का पाठ चलता रहा।
कार्यक्रम में देश के अनेक हिस्सों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चित्रकूट व इलाहाबाद से आए अनेक भक्तों ने दूध बिल्वपत्र से भगवान शिव का पूजन किए। मंत्रोच्चारण की गूंज से पूरा मठ प्रांगण शिवमय हो गया। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा गुरु पादुका का पूजन किया गया।मठ के प्रभारी संत रामलोचन दास ने बताया कि पूज्य संत पंजाबी महाराज के जन्मोत्सव पर मानवकल्यणार्थ सावन मास में शिव की नगरी काशी में सामूहिक महारुद्राभिषेक का विशेष महत्व है।
पार्थिव शिवलिंग के पूजन से सभी प्रकार की मनोरथ सिद्ध होते हैं। मठ में गुरुवार को भंडारे का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर स्थानीय एवं देश के अनेक हिस्सों से आए भक्तों व श्रृद्धालुओं सहित अनेकों लोग उपस्थित रहे।
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