यूपीसीए की चयन प्रक्रिया की पोल एक बार फिर से खुली!
कानपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में जूनियर से लेकर सीनियर टीमों की चयन प्रकिया में फैले भ्रष्टाचार की पोल शनिवार को एक बार फिर से खुल गयी। प्रदेश की सबसे जूनियर क्रिकेट टीम अण्डर-14 में एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर का न चुना जाना इसकी परत खोल गया।
अपने प्रतिभाशाली बेटे का टीम में स्थान न मिल पाने से निराश एक मॉं शनिवार को ग्रीनपार्क स्थित यूपीसीए के कैम्प कार्यालय जा पहुंची और बेटे के लिए न्याय करने की गुहार करने लगी। रणजी ट्राफी मैच के बीच ही महिला के यूपीसीए के दफ्तर पहुंचने से हड़कंप मच गया,लेकिन किसी भी अधिकारी ने उस महिला की ओर तवव्जो नहीं दिया। मां का दरवाजे पर रो-रोकर बुरा हाल था। वह गेट पर ही बेहोश होकर गिर पड़ी,लेकिन किसी भी अधिकारियों ने उसकी सुध तक नहीं ली। इसके बाद बेबस मां वापस चली गई।
यूपीसीए की चयन प्रक्रिया से निराश महिला गायत्री के मुताबिक उनका बेटा 2019 से क्रिकेट खेल रहा है। वह बाएं हाथ का गेंदबाज है। उसकी गेंदबाजी को देखकर हर कोई तारीफ करता है, जब भी उसने ट्रायल दिया तो कभी फेल नहीं हुआ लेकिन यूपीसीए की फाइनल लिस्ट आने के बाद बेटे को पेंडिंग में रखा गया,जबकि उससे बड़े उम्र के बच्चों को रख लिया गया। बेटे ने ट्रायल मैचों में एक मैच में 8 विकेट लिए थे। वहीं,जब यूपीसीए का ट्रायल हुआ तो उसमें भी सबसे अच्छा प्रदर्शन आदित्य का ही रहा। तब पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर गोपाल शर्मा ने भी बेटे के सिर पर हाथ फेरकर काफी तारीफ की थी,लेकिन इसके बावजूद बेटे को बाहर का रास्ता दिखाया गया, जो कि उसके साथ अन्याय हुआ है।
यूपीसीए के मीडिया मैनेजर मोहम्मद फहीम ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है,ना ही मेरे पास कोई शिकायत आई है। मैं इस पूरे मामले को गंभीरता के साथ दिखवाता हूं। टीम में अच्छे खिलाड़ियों को जगह मिलनी ही चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश
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