खेल मंत्री मंडाविया ने की विश्व एथलेटिक्स अध्यक्ष से मुलाकात, 2036 ओलंपिक की मेजबानी के भारत के इरादे पर की चर्चा
नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य सेबेस्टियन कोए के साथ बैठक की।
युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बैठक में 2036 में ओलंपिक की मेजबानी करने की भारत की मंशा और भारत में जमीनी स्तर से लेकर उत्कृष्टता प्राप्त करने तक एथलेटिक्स के विकास से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
सेबेस्टियन के साथ विश्व एथलेटिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन रिजन और विश्व एथलेटिक्स के अंतर्राष्ट्रीय संबंध एवं विकास निदेशक हेलेन डेलानी भी थे। केंद्रीय मंत्री ने विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष को 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को भेजे गए आशय पत्र के बारे में जानकारी दी।
मंडाविया ने एक स्थायी, समावेशी और प्रेरक खेलों की मेजबानी करने के भारत के संकल्प के बारे में भी बात की और कहा कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने की हमारी महत्वाकांक्षा विश्व मंच पर भारत की सांस्कृतिक विरासत और खेल क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए हर स्तर - सरकार, उद्योग और समाज - पर व्यापक समर्थन को दर्शाती है।
मंडाविया ने पिछले मेजबान शहरों की विरासत को आगे बढ़ाने, सीखे गए सबक को शामिल करने, स्थिरता को प्राथमिकता देने और विविधता का जश्न मनाने वाले खेलों को प्राप्त करने की भारत की आकांक्षाओं के बारे में विस्तार से बात की।
उन्होंने सेबेस्टियन को बताया कि भारत वैश्विक खेल पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने में विश्व एथलेटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानता है और मंत्रालय विश्व निकाय के साथ अपने सहयोग को गहरा करने और एथलेटिक्स के अनुशासन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में उनके मार्गदर्शन की तलाश करेगा ताकि भारत के अधिक से अधिक एथलीट ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में पोडियम तक पहुंच सकें।
मंडाविया ने विश्व एथलेटिक्स प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रीय खेल नीति, 2024 के मसौदे को तैयार करने, राष्ट्र निर्माण, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए खेलों का लाभ उठाने और जमीनी स्तर से वैश्विक उत्कृष्टता पाइपलाइन को बढ़ावा देने और हाल ही में परामर्श के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखे गए राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के मसौदे के बारे में भी जानकारी दी, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और ओलंपिक मूल्यों के साथ संरेखित खेल निकायों खेल संघों में पारदर्शिता, सुशासन और नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करना है।
बैठक के दौरान भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के महासचिव रविंदर चौधरी, खेल विभाग के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे
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