सिंगापुर ओपन: ट्रीसा-गायत्री का स्वप्निल सफर सेमीफाइनल में समाप्त
कल्लांग, 1 जून (हि.स.)। ट्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की भारतीय जोड़ी का सिंगापुर ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट में शानदार सफर शनिवार को समाप्त हो गया। भारतीय महिला युगल जोड़ी नामी मात्सुयामा और चिहारू शिदा के खिलाफ 21-23,11-21 से हार के बाद सेमीफाइनल से बाहर हो गई।
चौथी वरीयता प्राप्त जापानी जोड़ी नामी मात्सुयामा और चिहारू शिदा के खिलाफ भारतीय जोड़ी ने बड़ी उम्मीदों और दृढ़ संकल्प के साथ कोर्ट में प्रवेश किया। मैच की शुरुआत अच्छी रही क्योंकि जॉली और गोपीचंद ने पहले दो अंक हासिल किए, लेकिन जल्द ही वे अपने विरोधियों की सटीकता और चपलता से जूझने लगे। कुछ खराब नेट शॉट्स ने मात्सुयामा और शिदा को 8-2 की बढ़त हासिल करने का मौका दिया, जिससे भारतीय जोड़ी बैकफुट पर आ गई।
जॉली और गोपीचंद ने हार नहीं मानी और खेल में वापसी की। गायत्री के शानदार विनर्स और जापानी टीम की गलतियों की बदौलत मिड-गेम ब्रेक पर स्कोर 9-11 हो गया। ट्रीसा के शक्तिशाली शॉट्स ने स्कोर को 16-16 से बराबर कर दिया, जिससे खेल की गति बदल गई।
भारतीय जोड़ी के जवाबी हमले ने खेल को रोमांचक 20-20 पर पहुंचा दिया, लेकिन मात्सुयामा और शिदा ने निर्णायक जीत के साथ पहला गेम 23-21 से अपने नाम कर लिया।
हालांकि, दूसरे गेम में कहानी कुछ और ही थी। भारतीय जोड़ी भ्रमित दिखी, क्योंकि मात्सुयामा और शिदा ने मिड-गेम ब्रेक पर 11-2 की बढ़त बना ली थी। अंतर को कम करने के जोशीले प्रयास के बावजूद, जॉली और गोपीचंद अंतर को पाट नहीं पाए और अंततः गेम 21-11 से हार गए।
सेमीफाइनल में भारतीय जोड़ी की हार के साथ ही, भारत का अभियान टूर्नामेंट में पोडियम फिनिश के बिना समाप्त हो गया।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील
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