आईएसएल में खेलने के कारण फीफा विश्व कप के लिए हमारा हौसला बढ़ा है: संदेश झिंगन
नई दिल्ली, 4 जनवरी (हि.स.)। संदेश झिंगन शायद आईएसएल पारिस्थितिकी तंत्र से निकलने वाले पहले और सबसे बड़े उत्पाद रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता का स्वाद चखते हुए शानदार सफर किया है और इस दौरान उन्होंने 2023 में दक्षिण एशियाई फुटबॉल फेडरेशन (एसएएफएफ) चैम्पियनशिप जीती, दो बार इंटरकांटिनेंटल कप (2018, 2023) में विजेता ट्रॉफी उठाईं, और दो बार त्रिकोणीय राष्ट्र श्रृंखला (2017, 2023) भी खिताबी सफलताएं देखीं।
चंडीगढ़ में पले-बढ़े संदेश ने इंडियन सुपर लीग में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के दम पर साल 2015 में सीनियर राष्ट्रीय टीम में पदार्पण किया। ब्लू टाइगर्स के ‘वाइकिंग क्लैप’ के रूप में प्रसिद्ध में संदेश डिफेंस में एक लीडर की तरह सबसे आगे रहते हैं, लिहाजा, मुश्किल क्षणों में हर कोई उनको उम्मीदों और भरोसे के साथ देखता है। अर्जुन पुरस्कार विजेता को यकीन है कि भारत आगे चलकर फीफा वर्ल्ड कप में नियमित टीम होगी, और वह इस बात पर जोर देते हैं कि उस अभियान का पहला अध्याय आईएसएल को समर्पित रहेगा, क्योंकि इससे पता चलेगा कि इस शीर्ष स्तरीय लीग ने देश में फुटबॉल क्रांति लाने में कितना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
झिंगन ने 'इन द स्टैंड्स' के एपिसोड वन में बात करते हुए कहा, “आईएसएल बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें शामिल देश के प्रत्येक नागरिक को 15-20 वर्षों के बाद याद किया जाएगा, जब भारत उस मुकाम पर होगा जहां हम चाहते हैं कि हम हों। जब हम फीफा वर्ल्ड रैंकिंग में 173वें स्थान पर थे तो किसी को हम पर विश्वास नहीं था, लोग अक्सर पूछता करते थे कि क्या भारत के पास फुटबॉल टीम है? हम उस समय फैंस का समर्थन कर रहे थे, और अब लोग का ध्यान हम पर जाता है।”
उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रीय टीम के हालिया प्रदर्शन में आईएसएल की भूमिका का सारांश नहीं दे सकता। यह बहुत विशाल है। आईएसएल का प्रभाव व्यापक रहा है। आप इसे किसी पैमाने पर, किसी शब्दों में बयां नहीं कर सकते, यह हमारे देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब हम फीफा विश्व कप में नियमित रूप से भाग लेने लेंगे, तो मेरा विश्वास करें, लोगों को यह कहना चाहिए और कहेंगे कि आईएसएल उन चिंगारी में से एक थी जिसने उस अभियान की आग को प्रज्वलित किया। लोग इस लीग को याद रखेंगे।”
झिंगन के अनुसार, आईएसएल ने स्थानीय स्तर पर इस खेल के प्रति दीवानगी पैदा करने में मदद की है, जिससे युवा फुटबॉल को पेशेवर रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। उनका मानना है कि भारतीयों की एक पूरी पीढ़ी यूरोपीय खिलाड़ियों को आदर्श मानकर बड़ी हुई है, क्योंकि देश में घरेलू नायकों की कमी थी। इस मुद्दे को आईएसएल के माध्यम से सुलझा लिया गया है, जिसमें चंडीगढ़ के युवा संदेश की कहानी से खुद को जोड़ रहे हैं और इसी तर्ज पर अपने सफर का खाका तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं।
झिंगन धीरे-धीरे आईएसएल के सबसे जाने-पहचाने चेहरों में से एक बन गए हैं। वह शायद आईएसएल पारिस्थितिकी तंत्र से निकलने वाले पहले और सबसे बड़ा उत्पाद हैं। काबिलेगौर है कि झिंगन 2014 में आईएसएल इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड हासिल करने वाले पहले फुटबॉलर थे। उन्होंने गौर्स के साथ नया अध्याय शुरू करने से पहले, लीग में केरला ब्लास्टर्स एफसी, मोहन बागान सुपर जायंट और बेंगलुरू एफसी का प्रतिनिधित्व किया है। गौर्स कुछ निराशाजनक सीजनों के बाद वापसी की कोशिश में थे। 2014 में एक सितारे के रूप में उभरने वाले 20 वर्षीय संदेश शुरुआत से लेकर 10 साल बाद एक पारिवारिक व्यक्ति बनने तक, झिंगन का जीवन चक्र पूरी तरह से परिपक्व हो गया है और इसमें आईएसएल की प्रमुख भूमिका रही है। वास्तव में, एफसी गोवा में उनका कदम अन्य चीजों की तुलना में पारिवारिक कारणों से अधिक प्रेरित था।
झिंगन ने लीग के साथ बातचीत में अपनी बेटी को गोवा जैसे अद्भुत एवं सुंदर राज्य में पालने-पोसने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा, “एफसी गोवा में मेरे जाने के पीछे मैनोलो का सबसे बड़ा हाथ था। सच कहूं तो यह बहुत कुछ मेरे परिवार, खासतौर से मेरी बेटी की वजह से भी था। बेशक, अगर मैं सिर्फ अपनी पत्नी के साथ होता, तो आप अपने फैसले बदल लेते हैं। जब मैं अविवाहित था, तब मेरे सोच-विचार करने का ढंग अलग था। जब आप शादी करते हैं तो आपके विचार अलग हो जाते हैं। जब आप पिता बनते हैं, तो आप अपने बारे में सबसे अंत में सोचते हैं। मुझे बस ऐसा लगा कि यह उसकी परवरिश के लिए एक अच्छी जगह है।”
पिछले 10 वर्षों में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शानदार सफलताएं देखी हैं, जिनमें 2023 में दक्षिण एशियाई फुटबॉल फेडरेशन (एसएएफएफ) चैम्पियनशिप जीतना, दो बार इंटरकांटिनेंटल कप (2018, 2023) में ट्रॉफी उठाना, और दो बार त्रिकोणीय राष्ट्र श्रृंखला (2017, 2023) भी विजेता बनना शामिल है। हालांकि, वह चार बार (2014, 2016, 2020-21, 2022-23) उप-विजेता बने, लेकिन आईएसएल ट्रॉफी अभी भी उनसे दूर है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस सीजन में एफसी गोवा के साथ ट्रॉफी से दूरी के सिलसिले को तोड़ भरोसा है, उन्होंने जवाब दिया, “मुझ में आत्मविश्वास की कभी कमी नहीं रही है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि टीम ने उस मोर्चे पर शानदार शुरुआत की है।”
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।