बलात्कार मामले में बरी होने पर लामिछाने ने कहा-पहले दिन से ही खुद को समझा रहा था कि कुछ गलत नहीं किया

बलात्कार मामले में बरी होने पर लामिछाने ने कहा-पहले दिन से ही खुद को समझा रहा था कि कुछ गलत नहीं किया
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बलात्कार मामले में बरी होने पर लामिछाने ने कहा-पहले दिन से ही खुद को समझा रहा था कि कुछ गलत नहीं किया


नई दिल्ली, 16 मई (हि.स.)। बलात्कार के मामले में पाटन उच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को बरी किए जाने के बाद, नेपाल के स्टार स्पिनर संदीप लामिछाने ने कहा कि पहले दिन से ही वह खुद को आश्वस्त कर रहे थे कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह आने वाले वर्षों में अपने खेल में अपने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगे।

लामिछाने को बलात्कार के एक मामले में पाटन उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था और अब वह 1 जून से वेस्टइंडीज और अमेरिका में शुरू होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए चयन के लिए उपलब्ध हैं।

टी20 वर्ल्ड कप के लिए क्रिकेट एसोसिएशन (सीएएन) ने पहले ही टीम की घोषणा कर दी थी। रोहित पौडेल उन खिलाड़ियों के युवा समूह का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं जिन्हें मई की शुरुआत में टीम में नामित किया गया था। हालांकि, 25 मई तक टीम में बदलाव किया जा सकता है और संदीप टीम में जगह बना सकते हैं।

अपने बरी होने के बाद लामिछाने ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा, डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया; पहले दिन से ही मैं खुद को समझा रहा था कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे उस मामले में फंसाया गया जहां मैंने कुछ भी गलत नहीं किया था। आखिरकार हम यहां तक पहुंचे हैं। मैं जिला अदालत के तत्कालीन फैसले का सम्मान करता हूं और उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का भी मैं सम्मान करता हूं। मैं देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश करूंगा।''

नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएएन) ने भी नेपाली लेग स्पिनर संदीप लामिछाने का निलंबन रद्द कर दिया। एक प्रेस बयान में, सीएल ने घोषणा की कि उसका निर्णय पाटन उच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप है, जिसने लामिछाने को सभी आरोपों से बरी कर दिया।

पाटन उच्च न्यायालय के प्रवक्ता तीर्थराज भट्टाराई ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि सबूतों की कमी के कारण लामिछाने को बरी कर दिया गया है।

काठमांडू अदालत की एकल-न्यायाधीश पीठ ने लामिछाने को 18 वर्षीय महिला से बलात्कार का दोषी पाया था और 10 जनवरी को सजा की घोषणा की गई थी।

पीठ ने लामिछाने पर लगभग 2255 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भी लगाया था और पीड़िता को मुआवजे के रूप में लगभग 1500 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया था। 11 जनवरी को, फैसले के बाद, लामिछाने को सीएएन द्वारा निलंबित कर दिया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील

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