समित द्रविड़ के ऑस्ट्रेलियाई अंडर-19 टीम के खिलाफ चार दिवसीय मैच में खेलने पर संदेह

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समित द्रविड़ के ऑस्ट्रेलियाई अंडर-19 टीम के खिलाफ चार दिवसीय मैच में खेलने पर संदेह


नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। ऑलराउंडर समित द्रविड़, जिन्हें पुडुचेरी में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ़ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला से बाहर रखा गया था, घुटने की चोट से उबर नहीं पाए हैं और संभवतः चेन्नई में होने वाले आगामी चार दिवसीय मैचों से भी चूक जाएँगे।

भारत अंडर-19 के कोच ऋषिकेश कानितकर ने चेपक में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ पहले चार दिवसीय मैच की पूर्व संध्या पर रविवार को कहा, अभी वह एनसीए में हैं और अपने घुटने की चोट से उबर रहे हैं। इसलिए मुझे अभी तक पता नहीं है। ऐसा लगता नहीं है कि ऐसा होगा।

पूर्व भारतीय कप्तान और कोच राहुल द्रविड़ के बेटे समित को महाराजा टी-20 ट्रॉफी में खेलने के बाद भारत की अंडर-19 टीम में पहली बार शामिल किया गया था, जहां उन्होंने मैसूर वॉरियर्स के लिए खेला था, और कूच बिहार ट्रॉफी में भी उन्होंने हिस्सा लिया था, जिसे कर्नाटक ने जीता था।

हालांकि, अब 18 साल के हो चुके समित 2026 में होने वाले अगले अंडर-19 विश्व कप के लिए पात्र नहीं होंगे। आईसीसी के नियमों के अनुसार, कोई भी खिलाड़ी जो अंडर-19 विश्व कप में खेलने के लिए पात्र है, उसकी आयु 31 अगस्त, 2025 तक 19 वर्ष से कम होनी चाहिए। लेकिन समित 11 अक्टूबर को 19 वर्ष के हो जाएंगे और इसलिए वे 2026 अंडर-19 विश्व कप के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं कर पाएंगे।

भारत के पूर्व बल्लेबाज और एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण ने कहा है कि वे 2026 टी20 विश्व कप के लिए प्रतिभा पूल का चयन करने के बजाय खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका देने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

लक्ष्मण ने बेंगलुरू में नए अत्याधुनिक राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के उद्घाटन के अवसर पर कहा, अब हम ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ सीरीज खेल रहे हैं और सौभाग्य से बहुत से खिलाड़ी जो अगले विश्व कप से बाहर हो सकते हैं, वे इस सीरीज का हिस्सा हैं। इसलिए कुल मिलाकर उन्हें अनुभव प्राप्त है और वे केवल विश्व कप तक ही सीमित या विवश नहीं हैं। हम चाहते हैं कि वे क्रिकेटर के रूप में विकसित हों और सिर्फ इसलिए कि किसी ने भारत अंडर-19 खेला है या किसी ने भारत अंडर-19 नहीं खेला है, इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपने करियर में प्रगति नहीं करेंगे, लेकिन अगर वे उच्चतम स्तर पर खेलते हैं, विश्व कप के दबाव को समझते हैं, तो मुझे लगता है कि इससे उनकी मानसिक शक्ति बढ़ेगी और क्रिकेटर के रूप में भी प्रगति होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

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