साई में करीब 1100 से ज्यादा पद खाली, यौन उत्पीड़न शिकायतों का कोई समेकित डेटाबेस नहीं: खेल मंत्री

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साई में करीब 1100 से ज्यादा पद खाली, यौन उत्पीड़न शिकायतों का कोई समेकित डेटाबेस नहीं: खेल मंत्री


नई दिल्ली, 08 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को स्वीकार किया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में 1,100 से अधिक पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। लोकसभा में सांसद अदूर प्रकाश के एक प्रश्न के उत्तर में मांडविया ने बताया, “साई में कुल 1,191 पद रिक्त हैं। इनमें से कुछ पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”

इससे पहले अगस्त में आई संसदीय स्थायी समिति (खेल) की रिपोर्ट में कहा गया था कि साई के स्वीकृत पदों में से करीब 45 प्रतिशत खाली हैं। समिति ने साई को “गंभीर रूप से कम संसाधनों और स्टाफ की कमी से जूझ रहा संगठन” बताया था। समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि इन कमियों को ठेके पर नियुक्तियों के ज़रिये संभालना केवल एक अस्थायी (एडहॉक) व्यवस्था हो सकती है। रिपोर्ट में स्टाफ की भारी कमी और कम फंडिंग पर “गंभीर चिंता” जताई गई थी।

इस मुद्दे पर खेल सचिव और साई के प्रतिनिधियों की राय 6 जून को हुई बैठक में भी सुनी गई थी। हालांकि, समिति ने रिक्त पदों को भरने के लिए शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया की सराहना की, लेकिन छह महीने के भीतर इसे पूरा करने और मंत्रालय से कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा।

बजट आवंटन का विवरण

वित्त वर्ष के लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय को 3,794 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से 830 करोड़ रुपये साई के लिए निर्धारित किए गए हैं।

इस पर मंत्री ने लोकसभा में कहा,“साई को बजट आवंटन उनके द्वारा दिए गए प्रस्तावों के आधार पर किया जाता है। वर्ष के दौरान यदि अतिरिक्त आवश्यकता होती है, तो संशोधित अनुमान चरण में इसकी समीक्षा कर पूरक अनुदान के माध्यम से विचार किया जाता है।”

यौन उत्पीड़न शिकायतों पर क्या कहा मंत्री ने?

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मनसुख मांडविया ने माना कि खिलाड़ियों द्वारा दर्ज कराई गई यौन उत्पीड़न शिकायतों का कोई समेकित या समर्पित डेटाबेस सरकार के पास नहीं है।

हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए कई उपाय लागू हैं।

उन्होंने कहा,“खेलों में सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए साई द्वारा 24x7 हेल्पलाइन चलाई जा रही है।”

इसके अलावा,राष्ट्रीय खेल महासंघों को निर्देश दिए गए हैं कि महिला खिलाड़ियों वाले शिविरों और प्रतियोगिताओं में महिला कोचों की अनिवार्य नियुक्ति हो और शिविरों में महिला कोचों और सपोर्ट स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए

सरकार के अनुसार, इन कदमों का उद्देश्य खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित और सकारात्मक खेल वातावरण तैयार करना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

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