प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बाद पोलिश कबड्डी खिलाड़ी भारत में होने वाले जीपीकेएल के लिए तैयार
नई दिल्ली, 26 अगस्त (हि.स.)। । भारत में आगामी ग्लोबल प्रवासी महिला कबड्डी लीग (जीपीकेएल) में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार पोलिश खिलाड़ियों ने अपनी भागीदारी को लेकर काफी उत्साह व्यक्त किया है।
पिछले सप्ताह, प्रधानमंत्री मोदी दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पोलैंड में थे। अपने मुख्य भाषण के दौरान, उन्होंने कबड्डी को दोनों देशों के बीच एक साझा सूत्र बताया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा था, हम कबड्डी के खेल के माध्यम से जुड़े हुए हैं। यह खेल भारत के माध्यम से पोलैंड पहुंचा और उन्होंने इसे बहुत ऊंचाइयों पर पहुंचाया। पोलैंड पहली बार कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है। मैं उनकी टीम को शुभकामनाएं देना चाहता हूं।
भारत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होने वाले एक अभूतपूर्व टूर्नामेंट जीपीकेएल की मेजबानी करने के लिए तैयार है। इस आयोजन में अपने पहले सत्र में 15 से अधिक देशों की महिला कबड्डी खिलाड़ी हिस्सा लेंगी, जिसमें पोलैंड प्रमुख प्रतिभागियों में से एक है। पोलैंड के अलावा इस प्रतियोगिता में इंग्लैंड, अर्जेंटीना, कनाडा और इटली जैसे देशों सहित विविध पृष्ठभूमि के एथलीटों ने भाग लेने की इच्छा व्यक्त की है।
पोलिश खिलाड़ियों ने अपने देश में कबड्डी को पेश करने के लिए भारत के प्रति लगातार आभार व्यक्त किया है।
जीपीकेएल के आयोजन के पीछे मुख्य निकाय, होलिस्टिक इंटरनेशनल प्रवासी स्पोर्ट्स एसोसिएशन (हिप्सा) की अध्यक्ष कांथी डी सुरेश ने अन्य यूरोपीय देशों की महिलाओं के साथ-साथ पोलैंड की महिला खिलाड़ियों की भागीदारी की पुष्टि की।
उन्होंने 40 देशों से भागीदारी तक पहुंचने के लक्ष्य पर जोर दिया, जो ओलंपिक में शामिल होने के लिए अनिवार्य आवश्यकता है। अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने वारसॉ में पोलैंड के कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष मिशल स्पिज़्को और पोलैंड के कबड्डी महासंघ की बोर्ड सदस्य अन्ना कालबार्स्की से भी मुलाकात की।
पीएम मोदी के साथ बैठक का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा, जिसमें मिशल स्पिज़्को ने यह विचार व्यक्त किया कि भारत को 2036 के ओलंपिक खेलों के लिए बोली लगाने पर विचार करना चाहिए और कबड्डी को इसमें शामिल करने की अपनी इच्छा व्यक्त की।
जीपीकेएल का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर कबड्डी को बढ़ावा देना भी है, जो ओलंपिक खेलों में इसके शामिल होने की दिशा में एक बड़ा कदम है और 2036 में ग्रीष्मकालीन खेलों की मेजबानी के लिए भारत की बोली का समर्थन करता है। आयोजक सभी महाद्वीपों से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर रहे हैं, जिसमें छह टीमों में से प्रत्येक में कम से कम तीन महाद्वीपों के खिलाड़ी शामिल हों।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे
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