पैरा तीरंदाजी रैंकिंग सीरीज: भारत ने चार पदकों के साथ की अभियान की शुरुआत, शीतल-सरिता की जोड़ी ने जीता स्वर्ण
नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। भारत की शीतल देवी और सरिता ने ग्रेट ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहम और फोबे पैटरसन पाइन को हराकर चेक गणराज्य में चल रहे पैरा तीरंदाजी रैंकिंग श्रृंखला में महिला कंपाउंड टीम का स्वर्ण पदक जीता।
भारतीय जोड़ी ने संभावित 160 में से 157 अंक बनाए और ब्रिटिश जोड़ी को हराया। भारत ने जर्मनी के खिलाफ महिला रिकर्व टीम स्पर्धा में भी 6-2 से स्वर्ण पदक जीता।
पुरुषों की कंपाउंड टीम के फाइनल में राकेश कुमार-श्याम सुंदर स्वामी ईरान के अलीसिना मनशाएजादेह-हादी नोरी से 149-156 से हार गए और रजत पदक जीता।
भारतीय पुरुष रिकर्व टीम सेमीफाइनल में हार गई, लेकिन ईरान के खिलाफ 5-4 से कांस्य जीतने में सफल रही।
शीतल को इस साल की शुरुआत में हांग्जो एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतने के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ की रहने वाली 16 वर्षीय सरिता फोकोमेलिया नामक बीमारी से पीड़ित है, जो एक ऐसी बीमारी है जिसमें अंग विकसित नहीं होते। बिना हाथों के उसने पैरों से धनुष-बाण चलाना सीखा और दो साल पहले ही तीरंदाजी का पूर्णकालिक प्रशिक्षण शुरू किया।
दूसरी ओर, सरिता ने पैरा एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप के महिला कंपाउंड तीरंदाजी ओपन सेक्शन में कांस्य पदक जीता। उन्होंने कांस्य पदक के लिए अखिल भारतीय प्ले-ऑफ में हमवतन ज्योति बालियान को 139-135 से हराया। उन्होंने शीतल देवी के साथ टीम स्पर्धा में रजत पदक भी जीता, जिनसे वह व्यक्तिगत स्पर्धा के सेमीफाइनल में हार गई थीं।
दोनों भारतीय महिलाएँ फाइनल में जगह बनाने में विफल रहीं और कांस्य पदक के लिए एक दूसरे से भिड़ेंगी। राकेश भी स्वर्ण पदक के लिए आगे नहीं बढ़ पाए, लेकिन पोडियम पर जगह बनाने के लिए उनका सामना फ्रांस के थिएरी जौसौमे से होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील
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