राष्ट्रीय खेल: सिफ्त कौर समरा और जोनाथन एंथनी ने जीता स्वर्ण पदक

WhatsApp Channel Join Now
राष्ट्रीय खेल: सिफ्त कौर समरा और जोनाथन एंथनी ने जीता स्वर्ण पदक


देहरादून, 3 फ़रवरी (हि.स.)। उत्तराखंड के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज त्रिशूल हॉल में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों में पंजाब की सिफ्ट कौर समरा ने सटीक निशानेबाजी का शानदार प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 50 मीटर 3 पोजीशन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। समरा के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें 461.2 अंक दिलाकर प्रतिस्पर्धी फाइनल में शीर्ष स्थान दिलाया। पंजाब की ही उनकी साथी अंजुम मौदगिल ने 458.7 अंकों के साथ रजत पदक जीता, जबकि तेलंगाना की सुरभि भारद्वाज रापोले ने 448.8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता।

इस इवेंट में देश के कुछ शीर्ष निशानेबाजों ने हिस्सा लिया और यह शुरू से लेकर आखिर तक एक कड़ी टक्कर थी। केरल की विदर्शा विनोद ने नील पोजीशन के बाद बढ़त बनाई, लेकिन अंतिम चरणों में अपनी गति बरकरार नहीं रख सकीं, जिससे समरा आगे निकल गईं।

अपनी जीत पर समरा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, यह ओलंपिक के बाद मेरे लिए वापसी जैसा है। मैंने ब्रेक नहीं लिया और प्रशिक्षण जारी रखा, इसलिए आज स्वर्ण जीतना खास लगता है। मैं अपने रूटीन को निष्पादित करने के तरीके और अंतर पैदा करने वाली छोटी-छोटी बातों से खुश हूं। अंजुम के साथ पोडियम साझा करना भी अद्भुत है, जो एक अविश्वसनीय निशानेबाज हैं।

वहीं, रजत पदक जीतने वाली अंजुम मौदगिल ने कहा, यह तीसरा राष्ट्रीय खेल है जिसमें सिफ्ट और मैंने एक साथ पोडियम पर जगह बनाई है। वह एक असाधारण निशानेबाज है और मैं हमेशा से उसकी प्रशंसक रही हूँ। हालाँकि शुरुआत में मेरे स्कोर बहुत अच्छे नहीं थे, लेकिन मुझे पता था कि शांत और केंद्रित रहने से मैं पोडियम तक पहुँच सकती हूँ। यह सबसे अच्छी शूटिंग रेंज रही है जहाँ मैंने प्रतिस्पर्धा की है और आयोजन शानदार रहा है।

पुरुषों की 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में कर्नाटक के जोनाथन एंथनी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। एसएससीबी के रविंदर सिंह ने रजत पदक जीता और उनके साथी गुरप्रीत सिंह ने कांस्य पदक जीता।

जीत के बाद एंथनी ने कहा, मैं इस जीत से रोमांचित हूं। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले ऐसे प्रतिभाशाली निशानेबाजों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करना इस जीत को और भी सार्थक बनाता है। आज मेरा दिन था और मुझे इस बात पर गर्व है कि यह सब कैसे संभव हुआ।

38वें राष्ट्रीय खेल जारी रहने के साथ, यह आयोजन भारत के शीर्ष खिलाड़ियों के लिए अपने कौशल का प्रदर्शन करने और अपनी छाप छोड़ने का मंच बना हुआ है, और इन प्रदर्शनों से खेलों के प्रति उत्साह और प्रत्याशा में वृद्धि हो रही है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

Share this story