महिलाओं में महाराष्ट्र की अदिति रहीं पहले पायदान पर, पुरुषों में ओजस रहे पहली रैंकिंग पर
अयोध्या, 26 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश तीरंदाजी संघ और भारतीय तीरंदाजी संघ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता के तहत 19वीं सीनियर कंपाउंड महिला-पुरुष राष्ट्रीय चैंपियनशिप के रैंकिंग राऊंड में महिलाओं में सबसे कम उम्र की एशियन गेम्स में खिलाड़ियों ने जमकर पसीने बहाये।
कांस्य पदक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता महाराष्ट्र की तीरंदाज अदिति गोपीचंद स्वामी ने दोनों चक्रों को मिला कर 709 अंक लेकर पहली रैंक हासिल की। पुरुषों की प्रतियोगिता में एशियन गेम्स मे तीन स्वर्ण पदक और विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता महाराष्ट्र के ही ओजस प्रवीण देवताले 713 अंक लेकर रैंकिंग राउंड में सबसे ऊपर रहे।
वहीं 30वीं सीनियर इंडियन राउंड प्रतियोगिता की पचास मीटर की प्रतिस्पर्धा में महिलाओं में पहली रैंक पर मणिपुर की लाईफ्राक्पाम रोजिना सिंह, दूसरे पर मणिपुर की ही वांग्खेम मंगलेम सिंह और तीसरे स्थान पर पुलिस कंट्रोल बोर्ड की रोबी राम बारो रहीं। सीनियर इंडियन राउंड प्रतियोगिता के पुरुषों के मुकाबले में हरियाणा के सोनू पहले, छत्तीसगढ़ के विकास मौर्य दूसरे और उत्तर प्रदेश के शिवम वैद्यवान तीसरे तीसरे स्थान पर रहे।
सीनियर कंपाउंड महिला-पुरुष राष्ट्रीय चैंपियनशिप के रैंकिंग राऊंड में पुरुषों में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र के ही प्रथमेश बालचंद्र फुगे 713 अंक के साथ दूसरे और दिल्ली के प्रियांश 712 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे। महिलाओं में तेलंगाना की तानिप्रथि चिकिता 705 अंक के साथ दूसरे और उत्तर प्रदेश की यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली साक्षी चौधरी 700 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
आयोजन स्थल राजकीय इंटर कालेज अयोध्या के खेल मैदान पर रविवार की सुबह प्रारंभ हुई। कल शनिवार को प्रतियोगिता के उद्घाटन के साथ 43वीं रिकर्व चैंपियनशिप (महिला-पुरुष) का रैकिंग राउंड संपन्न हुआ। पचास मीटर की इस प्रतिस्पर्धा में पहले महिलाओं का रैंकिंग राउंड प्रारंभ हुआ। इसके बाद पुरुषों का राउंड चला।
उत्तर प्रदेश तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी और महासचिव अजय गुप्ता ने बताया कि यह प्रतियोगिता 30 नवंबर तक चलेगी। प्रतियोगिता में 35 राज्यों और आठ यूनिटों के 1200 से अधिक धनुर्धर प्रतिभाग कर रहे हैं। तीरंदाजी के प्रतिभागियों के लिए पहला और दूसरा दोनों ही दिन इस लिहाज से अच्छा रहा क्योंकि हवा तेज गति से नहीं चल रही थी। हवा चलने पर तीरंदाजों को लक्ष्य भेदने में समायोजन करना कठिन होता है।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश
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