केकेआर ने आईपीएल के अतिरिक्त समय नियम पर उठाए सवाल

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केकेआर ने आईपीएल के अतिरिक्त समय नियम पर उठाए सवाल


नई दिल्ली, 21 मई (हि.स.)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 के शेष लीग मुकाबलों के लिए 120 मिनट का अतिरिक्त समय देने के फैसले को अस्थायी और असंगत बताते हुए डिफेंडिंग चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने कहा है कि अगर यह प्रावधान टूर्नामेंट के दोबारा शुरू होते ही लागू कर दिया जाता, तो शायद वे अभी भी प्लेऑफ की दौड़ में बने रहते।

आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने मंगलवार को यह फैसला किया कि अब शेष बचे नौ लीग मुकाबलों में बारिश के कारण बाधित मैचों को पूरा करने के लिए 120 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। पहले केवल एक घंटे का अतिरिक्त समय ही उपलब्ध था, जबकि प्लेऑफ के मुकाबलों में पहले से ही दो घंटे का रिजर्व समय रखा गया था।

ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार,आईपीएल के सीओओ हेमांग अमीन ने सभी 10 फ्रेंचाइज़ियों को भेजे गए ईमेल में बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि मानसून के जल्दी आने से कई मैच बारिश की चपेट में आने की संभावना है।

केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने इस ईमेल के जवाब में नियम में बदलाव के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह नियम आईपीएल के फिर से शुरू होने के साथ ही लागू किया जाना चाहिए था। उन्होंने लिखा, हालांकि इन परिस्थितियों में बीच सीज़न में नियम बदलना ज़रूरी हो सकता है, लेकिन इन बदलावों में निरंतरता की उम्मीद की जाती है।

17 मई को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच हुआ मुकाबला आईपीएल के फिर से शुरू होने के बाद पहला मैच था। यह मैच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाना था, लेकिन लगातार बारिश के कारण एक भी गेंद फेंकी नहीं जा सकी और दोनों टीमों को एक-एक अंक से संतोष करना पड़ा।

मैच की कट-ऑफ टाइमिंग 10:56 PM थी, लेकिन बारिश नहीं रुकने के कारण मुकाबला 10:26 PM पर ही रद्द घोषित कर दिया गया। इस मैच के रद्द होने से केकेआर की प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई।

कम से कम 5 ओवर का मैच हो सकता था — मैसूर

ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार, वेंकी मैसूर ने लिखा, अगर उस वक्त यह अतिरिक्त 120 मिनट का नियम लागू होता, तो शायद कम से कम 5 ओवर प्रति टीम का मुकाबला खेला जा सकता था। उस दिन बारिश की संभावना पहले से साफ़ थी, और फिर भी जरूरी बदलाव नहीं किए गए।

उन्होंने आगे कहा, ऐसे बड़े टूर्नामेंट में इस तरह के 'एड हॉक' निर्णय और असंगत नियमों को लागू करना सही नहीं है। हमें उम्मीद है कि आप हमारी नाराज़गी को समझ सकते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

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