केआईयूजी 2023: चंडीगढ़ विवि की भूमि गुप्ता की तीन पदकों के साथ तैराकी में जोरदार वापसी

केआईयूजी 2023: चंडीगढ़ विवि की भूमि गुप्ता की तीन पदकों के साथ तैराकी में जोरदार वापसी
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केआईयूजी 2023: चंडीगढ़ विवि की भूमि गुप्ता की तीन पदकों के साथ तैराकी में जोरदार वापसी


गुवाहाटी, 23 फरवरी (हि.स.)। तैराक भूमि गुप्ता को पिछले साल मध्य प्रदेश में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईयूजी) के दौरान उनके करियर के लिए खतरा पैदा करने वाली कंधे की चोट का सामना करना पड़ा और उन्हें सर्जरी की जरूरत पड़ी, जिसके कारण वह लगभग नौ महीने तक खेल से बाहर रहीं।

18 वर्षीया भूमि वापसी की राह पर है और शारीरिक रूप से अभी भी कमजोर है। लेकिन, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करने वाली छत्तीसगढ़ की इस तैराक ने गुरुवार देर रात यहां डॉ. जाकिर हुसैन एक्वेटिक्स कॉम्प्लेक्स में चौथे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में तैराकी प्रतियोगिता के आखिरी दिन स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक के साथ अपनी ज़बरदस्त वापसी की।

नई दिल्ली में खेलो इंडिया ग्लेनमार्क सेंटर की प्रशिक्षु भूमि ने 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में 2 मिनट 32.43 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता और फिर 100 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य और 4x100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले में रजत पदक जीता।

अपने गृह नगर बिलासपुर में पूर्व जूनियर अंतर्राष्ट्रीय जगदीश बनिक के तहत तीसरी कक्षा में तैराकी शुरू करने वाली भूमि ने कहा,” चोट के बाद का समय मेरे लिए भावनात्मक रूप से बहुत कठिन था। लेकिन, मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी और नौ महीने के अंतराल के बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्विमिंग कॉम्प्लेक्स (कोच पार्थ प्रतिम मजूमदार के अधीन) में प्रशिक्षण के लिए वापस आई और फैसला किया कि मैं खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित करूंगी।”

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में प्रतिस्पर्धा करने के लिए क्वालीफाई करने के लिए, भूमि को पहले अखिल भारतीय यूनिवर्सिटी तैराकी प्रतियोगिता में अपना प्रभाव डालना था, जो पूर्वोत्तर में खेले जा रहे खेलों के चौथे संस्करण के लिए क्वालीफाइंग इवेंट के रूप में काम करता था।

उन्होंने कहा, मैं अखिल भारतीय विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में पदक जीतने में कामयाब रही और यहां अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध थी।

भूमि के पिता अजय ने गुवाहाटी में अपनी उपस्थिति से उन्हें पूरा समर्थन दिया। उन्होंने कहा, चोट से लौटने के बाद से मैं अपनी प्रगति का परीक्षण करने और खुद को साबित करने के लिए गुवाहाटी आई थी कि मैं अभी भी बड़े लक्ष्यों के लिए प्रयास कर सकती हूं।”

भूमि की नजरें अब इस साल जुलाई में होने वाली सीनियर नेशनल चैंपियनशिप पर टिकी हैं। उनका कहना है कि पदक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने के उनके सपने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद

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