नई प्रतिभाओं के लिए खेलो इंडिया सही मंच : किआनो फूरी
गुवाहाटी, 24 फरवरी (हि.स.)। दक्षिण अफ्रीकी रग्बी कोच किआनो फूरी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) अष्टलक्ष्मी 2023 में हर मैच को देख रहे हैं और खिलाड़ियों की ताकत और कमजोरियों के बारे में विस्तार से नोट कर रहे हैं।
पहली बार 2022 में बिहार की रग्बी टीम के मेंटर के रूप में भारत आए फूरी अब भुवनेश्वर में रग्बी इंडिया के हाई-परफॉर्मेंस सेंटर में कोचिंग स्टाफ का हिस्सा हैं। वह गुवाहाटी में प्रतिभा की तलाश कर रहे हैं।
फूरी ने कहा कि रग्बी में भारतीय प्रतिभा जबरदस्त है लेकिन अभी तक अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाई है। हमारा उद्देश्य होनहार खिलाड़ियों की पहचान करना और असाधारण प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों से संपर्क करना है। रग्बी में जागरूकता और भागीदारी बढ़ने से (विशेषकर बच्चों में) आत्मविश्वास बढ़ेगा और युवाओं के भीतर खेल का आनंद गहरा होगा। खेलो इंडिया जैसे प्लेटफार्मों का लाभ उठाने से युवा एथलीटों को महत्वपूर्ण अनुभव मिलेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रतिभा पूल का पोषण और सशक्तिकरण हो।
फूरी बताते हैं कि भारत में विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में विविध आनुवंशिक संरचना है और विविधता एक समृद्ध प्रतिभा पूल प्रदान करती है जिसे पहचानने और पोषित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हमारा वर्तमान ध्यान विश्वविद्यालय स्तर पर प्रतिभा पूल का आकलन करने पर केंद्रित है, खासकर खेलो इंडिया से। हम जांच कर रहे हैं कि क्या खेल शैली, कौशल स्तर और ओवरऑल अलाइनमेंट हमारे उद्देश्यों से मेल खाते हैं। हम अपने प्रयासों की प्रभावशीलता का भी मूल्यांकन कर रहे हैं।
रग्बी कोच किआनो फूरी ने कहा कि उनका ध्यान अब विश्वविद्यालय स्तर के खिलाड़ियों को उत्कृष्टता प्राप्त करने और व्यापक रग्बी समुदाय में योगदान करने, विकास और सफलता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाने की रणनीति बनाने पर है।
हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/वीरेन्द्र
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