पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले नाडा के साथ समन्वय में सेमिनार आयोजित करेगा आईओए
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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अगले साल के ओलंपिक खेलों से पहले अपने मुख्य एथलीटों के समूह को डोपिंग रोधी नियमों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक विशेष सेमिनार का आयोजन करेगा।
आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा,हम खेलों के दौरान उचित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ओलंपिक खेलों के लिए जाने वाले एथलीटों को डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के बारे में शिक्षित करना चाहते हैं।
52 वर्षीय उषा ने कहा, आईओए ने खेलों की अखंडता को बनाए रखने के लिए सख्त डोपिंग रोधी उपाय किए हैं।
सेमिनार आने वाले महीनों में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के समन्वय से आयोजित किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि आईओए खेलों की तैयारी के लिए एथलीटों को कैसे समर्थन दे रहा है, उन्होंने कहा, खेलों के दौरान अच्छी प्रशिक्षण सुविधाएं और प्रतियोगिता से पहले के समय के साथ-साथ मुख्य खेलों के दौरान सुचारू परिवहन व्यवस्था होना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, आईओए यह भी सुनिश्चित करेगा कि खिलाड़ियों के पास चोटों से बचने और स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त खेल विज्ञान बैकअप हो।
आईओए अध्यक्ष को उम्मीद थी कि सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के पास ओलंपिक खेलों के लिए उचित रोड मैप होगा। ओलंपिक खेलों के लिए तैयारी के महीनों के दौरान तैयारी के सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाना सुनिश्चित करने के लिए उचित योजना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, सभी एनएसएफ ने अगले साल के लिए अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर सह प्रतियोगिता योजना के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया होगा।
इससे पहले इसी साल अक्टूबर में मुंबई में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक (आईओसी) सत्र के दौरान पीटी उषा ने आईओसी प्रमुख थॉमस बाक के साथ भविष्य में भारत में ओलंपिक की मेजबानी की संभावना पर भी चर्चा की थी।
उन्होंने कहा, जैसा कि भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने घोषणा की थी, 2030 में युवा ओलंपिक और 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत की बोली से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर यह एक अच्छी और स्वस्थ चर्चा थी।
उषा इस बात को लेकर भी सकारात्मक थीं कि कई निजी कंपनियां और राज्य सरकारें खेलों में निवेश कर रही हैं, जिससे देश में खेल विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, खेलों में अधिक निवेश से पूरे भारत में अच्छा बुनियादी ढांचा और सुविधाएं सुनिश्चित होंगी। इससे खेल प्रेमियों की संख्या में वृद्धि होगी और देश में खेल संस्कृति विकसित होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि खेल मंत्रालय की खेलो इंडिया परियोजना उभरते एथलीटों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक अच्छा मंच साबित हुई है। उषा ने कहा, खेलो इंडिया योजना के तहत वित्तीय सहायता होनहार एथलीटों के लिए बड़ा समर्थन है।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील