जमीनी स्तर पर गोलकीपिंग और ड्रैग-फ्लिकिंग कार्यक्रम शुरू करने के लिए हॉकी इंडिया की आभारी हूं: जसप्रीत कौर

जमीनी स्तर पर गोलकीपिंग और ड्रैग-फ्लिकिंग कार्यक्रम शुरू करने के लिए हॉकी इंडिया की आभारी हूं: जसप्रीत कौर
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जमीनी स्तर पर गोलकीपिंग और ड्रैग-फ्लिकिंग कार्यक्रम शुरू करने के लिए हॉकी इंडिया की आभारी हूं: जसप्रीत कौर


नई दिल्ली, 23 अप्रैल (हि.स.)। भारत की पूर्व महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी जसप्रीत कौर पूर्व ड्रैग-फ़्लिकरों के समूह का हिस्सा थीं, जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में साई बेंगलुरु में हाई-परफॉर्मेंस डायरेक्टर हरमन क्रूज़ के संरक्षण में गहन प्रशिक्षण लिया था। प्रशिक्षण सत्र हॉकी इंडिया की अनूठी पहल का एक हिस्सा था जिसका उद्देश्य पूरे देश में कोचिंग पद्धतियों को मानकीकृत करना और हॉकी प्रतिभा की अगली पीढ़ी का पोषण करना था।

कोचिंग में एकरूपता और निरंतरता सुनिश्चित करने की दृष्टि से तैयार किए गए इस कार्यक्रम में भारत के प्रतिष्ठित पूर्व गोलकीपर एड्रियन डिसूजा, भरत छेत्री, योगिता बाली, हेलेन मैरी, दीपिका मूर्ति, आकाश चिकते, पीटी राव और प्रतिष्ठित पूर्व ड्रैग-फ़्लिकर रूपिंदर पाल सिंह, गुरजिंदर सिंह, वीआर रघुनाथ, और, जसप्रीत कौर ने हिस्सा लिया।

हरमन क्रूज़ की निगरानी में, इन दिग्गजों ने अपने कोचिंग कौशल को निखारा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोचिंग दृष्टिकोण को सुव्यवस्थित करना है, जिससे देश भर के एथलीटों को, विशेष रूप से जमीनी स्तर पर, समान बुनियादी बातों और कौशल सीखने में सक्षम बनाया जा सके, जिससे प्रशिक्षण मानकों में एकरूपता को बढ़ावा मिले।

प्रशिक्षण शिविर के अपने अनुभव को लेकर जसप्रीत ने मंगलवार को हॉकी इंडिया के हवाले से कहा, ''हॉकी इंडिया ने गोलकीपिंग और ड्रैग-फ्लिकिंग के लिए एक शानदार कार्यक्रम शुरू किया है क्योंकि वे कौशल के विभिन्न सेट हैं। इसके लिए एक विशेष तकनीक की आवश्यकता होती है। इसलिए, भारतीय हॉकी के दिग्गजों को बुलाया गया था। इस प्रशिक्षण में मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हमें एथलीटों की पहचान करने और शरीर और गेंद के संयोजन, और ड्रैग-फ्लिकिंग के चरणों और प्रक्रियाओं के बारे में पैरामीटर बनाने के लिए कहा गया था। हमारी टीम ने उन मापदंडों को बनाया और एक मॉड्यूल बनाया, जो हमें संभावित ड्रैग-फ़्लिकर की पहचान करने में मदद करेगा।''

एक प्रशिक्षक और कोच के रूप में अपनी नई भूमिका पर पूर्व भारतीय डिफेंडर ने कहा कि वह सीख रही हैं कि एथलीटों के साथ कैसे संवाद किया जाए और उन्हें प्रगति करने के चरणों के बारे में समझाया जाए।

उन्होंने कहा, ''कोचिंग सीखने से अलग है। किसी को पढ़ाना कठिन है। कोच के रूप में यह मेरा पहला मौका है। मैं यह भी सीख रही हूं कि युवा एथलीटों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इसलिए, मैं यह भी सीख रहा हूं कि मैं कैसे संवाद कर सकती हूं और खिलाड़ियों को समझा सकती हूं। मैं एथलीटों से उन भाषाओं में बात करने चाहती हूं, जिनमें वे सहज हैं।''

रांची में अपने शिविर के बाद, जसप्रीत इम्फाल जाने से पहले भोपाल, औरंगाबाद की यात्रा करेंगी और फिर ओडिशा के भुवनेश्वर में नेवल टाटा अकादमी जाएंगी। सभी गंतव्यों पर, वह तीन दिनों में पांच शिविर आयोजित करेंगी।

2017 के बाद हॉकी के खेल में वापसी कर रही जसप्रीत ने कहा कि वह उस खेल को वापस देना चाहती हैं जिसने उन्हें पहचान दिलाई। पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने 2011 और 2017 के बीच सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए 13 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।

उन्होंने कहा, ''मुझे फिर से बुलाने के लिए मैं हॉकी इंडिया का आभार व्यक्त करती हूं। यह मेरे लिए हॉकी और देश को वापस भुगतान करने का समय है। खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है, और मैं खेल के कारण इस स्तर तक पहुंची हूं। मैं चाहती हूं कि खेल को विकसित करूँ, मां बनने के बाद महिलाएं और भी मजबूत हो जाती हैं। वापस आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और मैं पूरे दिल से युवाओं को प्रशिक्षित करना चाहती हूं और इस मौके के लिए मैं हॉकी इंडिया की आभारी हूं।''

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील

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