गोथिया कप-2024 खिताब के साथ स्वदेश लौटे स्पेशल ओलंपिक भारत के फुटबॉलर

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गोथिया कप-2024 खिताब के साथ स्वदेश लौटे स्पेशल ओलंपिक भारत के फुटबॉलर


गोथिया कप-2024 खिताब के साथ स्वदेश लौटे स्पेशल ओलंपिक भारत के फुटबॉलर


नई दिल्ली, 20 जुलाई (हि.स.)। स्पेशल ओलंपिक भारत (एसओ भारत) ने स्वीडन के गोथेनबर्ग में 14 से 18 जुलाई, 2024 के बीच आयोजित गोथिया कप-2024 में शानदार प्रदर्शन करने के बाद लौटी दस सदस्यीय भारतीय फुटबॉल टीम के लिए द ललित होटल (नई दिल्ली) में एक स्वागत समारोह आयोजित किया।

एसकेएफ इंडिया द्वारा समर्थित, बौद्धिक और विकासात्मक विलंब वाले एथलीटों से बनी भारतीय टीम अपने ग्रुप में अपराजित रही और प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की।

शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी लौटने पर टीम का मुख्य अतिथि रक्षा खडसे (केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री), डॉ मल्लिका नड्डा (एसओ भारत की अध्यक्ष और एशिया प्रशांत सलाहकार परिषद (एपीएसी) की अध्यक्ष), डॉ उपासना अरोड़ा (एसओ भारत की कोषाध्यक्ष) सहित विशिष्ट अतिथियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।

गोथिया कप टूर्नामेंट का उद्घाटन 15 जुलाई को उल्लेवी में एक भव्य समारोह के साथ हुआ, जिसमें 49,000 से अधिक दर्शक उपस्थित थे। टूर्नामेंट में 1910 टीमों ने भाग लिया, जिसमें 15 विभिन्न देशों से 50 स्पेशल ओलंपिक टीमों का प्रतिनिधित्व किया गया।

एसओ भारत टीम को पैरास्पोर्ट डेनमार्क 2, स्पेशल ओलंपिक फिनलैंड मिक्स्ड, स्पेशल ओलंपिक हांगकांग और स्पेशल ओलंपिक जर्मनी 1 के साथ ग्रुप 5 में रखा गया था। एसओ भारत ने एसओ फिनलैंड के खिलाफ अपना पहला ग्रुप मैच 3-0 से जीता और फिर एसओ जर्मनी के खिलाफ 6-0 की बड़ी जीत के साथ विजयी क्रम जारी रखा।

इसके बाद भारतीय दल ने तीसरे मैच में हांगकांग पर 6-0 से जीत हासिल की और फिर डेनमार्क के खिलाफ 3-1 से एक और बड़ी जीत के साथ फाइनल में जगह बनाई।

एसओ भारत और एसओ डेनमार्क के बीच रोमांचक ग्रुप फाइनल में कड़ी टक्कर देखने को मिली, लेकिन एसओ भारत के खिलाड़ियों ने रोमांचक मुकाबला 4-3 से जीतकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।

केरल के रहने वाले मुहम्मद शहीर ने कुल सात गोल किए, जो किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा किए गए सबसे ज़्यादा गोल हैं। मछुआरे के बेटे शहीर को बौद्धिक विकलांगता है और उन्हें साइकिलिंग और तैराकी सहित अन्य खेलों के साथ-साथ फुटबॉल का भी शौक है।

केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने भारतीय दल को बधाई दी और कहा, मुझे यहां उपस्थित होने और प्रत्येक एथलीट की कहानी सुनने का अवसर पाकर बेहद खुशी हो रही है। इन सबने अपने पूरे जीवन में इतने संघर्ष और कठिनाइयों का सामना किया है, और फिर भी हमारे देश के लिए इतना प्रतिष्ठित गौरव हासिल किया है। ये एथलीट देश को आगे ले जा रहे हैं और उनकी सफलता निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। यह हमारे देश के लिए एक बड़ा क्षण है।

टीम के कोच और संयुक्त निदेशक (खेल एसओ भारत) हरप्रीत सिंह गंभीर ने कहा,” टीम समन्वय मुख्य कारकों में से एक था जिसने हमारी टीम को जीत दिलाई। जिस अनुशासन और एकाग्रता के साथ प्रत्येक एथलीट ने निर्देशों का पालन किया, वह अभिभूत करने वाला था। टूर्नामेंट की तैयारियों ने मई में गति पकड़ी। तब से, एथलीटों पर कोचों द्वारा कई बार दूर से भी निगरानी की जाती रही है। इस आयोजन में उत्साह और उत्साह ने वास्तव में टूर्नामेंट को विविधताओं को स्वीकार करने और समावेशिता को बनाए रखने वाले खेल उत्सव के रूप में परिभाषित किया।

एसकेएफ इंडिया और दक्षिण पूर्व एशिया के अध्यक्ष मुकुंद वासुदेवन ने कहा, हम फुटबॉल खिलाड़ियों की अपनी अविश्वसनीय टीम को उनकी शानदार जीत के लिए हार्दिक बधाई देते हैं। यह उपलब्धि उनके अटूट समर्पण, लचीलेपन और समावेशिता की शक्ति का प्रमाण है। हमें इन प्रतिभाशाली व्यक्तियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने में सहायता करने पर बेहद गर्व है। मैं स्पेशल ओलंपिक भारत और भारतीय खेल प्राधिकरण को उनके अविश्वसनीय समर्थन, प्रशिक्षण और देखभाल के लिए धन्यवाद देता हूं। यह सफलता न केवल हमारे देश को गौरव दिलाती है बल्कि एक विविध और समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को भी पुष्ट करती है। आपका स्वागत है, चैंपियन! यह आपका क्षण है!

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

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