गगन नारंग ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक में सरकार के प्रयासों की सराहना की
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने ड्राफ्ट नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल लाने में सरकार के प्रयासों की सराहना की और इसे भारत के खेल महाशक्ति बनने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।
खेल मंत्रालय ड्राफ्ट नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल लाने पर काम कर रहा है, जिसे पूर्व-विधायी परामर्श प्रक्रिया के हिस्से के रूप में आम जनता और हितधारकों की टिप्पणियों/सुझावों को आमंत्रित करने के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है।
नारंग ने एक्स पर पोस्ट किया, मनसुख मांडविया सर, एक मजबूत और पारदर्शी खेल प्रशासन मॉड्यूल बनाने में सरकार के प्रयास उल्लेखनीय हैं। आगामी ड्राफ्ट नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2024 निश्चित रूप से एक मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि भारत खेल प्रशासन के अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ तालमेल बिठाने और एक खेल महाशक्ति बनने की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ये उपाय ओलंपिक और पैरालंपिक चार्टर का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब हैं और एक पूर्व एथलीट के रूप में, खेलों में हमारे देश के विकास को देखकर मुझे गर्व होता है। मसौदा विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही लाकर देश में खेल प्रशासन में सुधार करेगा, जो कि मुख्य रूप से समय की मांग है।
विधेयक में खिलाड़ियों के विकास और कल्याण को बढ़ावा देने, नैतिक शासन सुनिश्चित करने और प्रभावी विवाद समाधान तंत्र प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित किया गया है।
यह खेल महासंघों के शासन के लिए संस्थागत क्षमता और विवेकपूर्ण मानक भी स्थापित करेगा जो ओलंपिक और खेल आंदोलन, ओलंपिक चार्टर, पैरालिंपिक चार्टर, अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और स्थापित कानूनी मानकों के सुशासन, नैतिकता और निष्पक्ष खेल के बुनियादी सार्वभौमिक सिद्धांतों पर आधारित हैं। साथ ही यह एकीकृत, न्यायसंगत और प्रभावी तरीके से खेल शिकायतों और खेल विवादों के समाधान के लिए एक उपाय स्थापित करेगा।
खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को विधेयक पर विचार-विमर्श करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ, राष्ट्रीय खेल महासंघों और राष्ट्रीय खेल संवर्धन संगठनों के साथ हितधारकों की परामर्श बैठक की अध्यक्षता की थी।
उन्होंने हितधारकों को आश्वासन दिया कि मसौदा विधेयक को परिष्कृत करने में उनके बहुमूल्य इनपुट पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने निष्पक्ष खेल, समावेशिता और एथलीटों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने वाला वातावरण बनाकर भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के मंत्रालय के दृष्टिकोण को दोहराया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे
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