चयनकर्ताओं के लिए प्रतिभाशाली तो सुपर चयनकर्ता के लिए धनशाली क्रिकेटरों को चुनने की चुनौती!
कानपुर, 20 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की जूनियर और सीनियर क्रिकेट टीमों के चुनने का समय निकट आ गया है। ऐसे में प्रदेश के प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं तो वहीं धनशाली और बलशाली क्रिकेटर टीम में अपना स्थान पक्का मानकर अन्य कार्यों में लिप्त हैं। यही नहीं ,अपनी प्रतिभा को तराशने के बजाए प्रदेश क्रिकेट संघ के भीतर जुगाड़ भिड़ाने के उद्देश्य से कई लोगों के सम्पर्क जुटाने का काम भी शुरू कर दिये हैं।
प्रदेश क्रिकेट टीम को चुनने के लिए वैसे तो चार सदस्यीय चयन समिति की निगरानी में ही चयन प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है, लेकिन कुछ वर्षों से प्रदेश के धनशाली और बलशाली क्रिकेटरों का बोलबाला भी प्रदेश की क्रिकेट टीम में देखने को मिल रहा है। अब तो चयन समिति वाले चयनकर्ता प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को टीम में चुनने के लिए मैदान में दिन रात अपना पसीना बहाते नजर आते हैं तो सुपर चयनकर्ता फोन पर ही धनशाली और बलशाली क्रिकेटरों को टीम में स्थान देने के लिए अपने निर्णय सर्वोपरि रखते हैं। सुपर चयनकर्ता पर इससे पूर्व भी रिश्वत लेकर टीम में प्रवेश दिलाए जाने पर मुकदमा भी पंजीकृत हो चुका है। संघ के सूत्रों के मुताबिक यूपीसीए की जूनियर, सीनियर और महिला चयन समिति के सदस्यों को अपनी रिपोर्ट सुपर चयनकर्ता के पास प्रेषित किए जाने के फरमान साल 2020 में ही जारी किए गए थे।
गौरतलब है कि बीते कई सालों से प्रदेश की क्रिकेट टीम में प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के बजाए कुछ धन और बलशाली क्रिकेटरों का चयन इस बात की थोड़ी पुष्टि भी करता है। मैदान पर चयन प्रक्रिया के समय जिन क्रिकेटरों को चयनकर्ता टीम के लायक ही नहीं समझते, वह प्रशिक्षण शिविर में अपनी उपस्थिति गर्व के साथ कराते हैं और चयनकर्ताओं के साथ ही सपोर्टिंग स्टाफ पर भी दबाव डालने का काम करते हैं। सुपर चयनकर्ता के पास उन क्रिकेटरों की सूची उनके द्वारा नियुक्त किए एजेन्टों के पास रहती है और वह मध्यस्थता कर क्रिकेटरों को सुपर के पास पहुंचाने का काम करते हैं।
बतातें चलें कि प्रदेश की क्रिकेट टीम में राज्य से सटे प्रदेशों के क्रिकेटरों का टीम में चयन कुछ इन्ही बातों को प्रदर्शित करने का काम कर रहा है। कई सालों से सुपर चयनकर्ता दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि प्रदेशों के खिलाड़ियों को प्रदेश की टीम में चयन करवा चुके हैं। हालांकि प्रदेश के बाहर से खिलाड़ियों से किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन उससे प्रदेश के प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को टीम में शामिल नहीं किया जा सका जिससे कई खिलाड़ियों का मनोबल ही टूट गया और उन्होंने क्रिकेट से संन्यास तक ले लिया। प्रदेश के पूर्व चयनकर्ता ने बताया कि अब चयनकर्ता मैदान पर टीम चुनने के लिए श्रेष्ठ क्रिकेटरों की प्रतिभा का अवलोकन करते हैं। वहीं सुपर धन और बलशाली क्रिकेटरों की बाह जोटते रहते हैं। इस बारे में यूपीसीए के एक सदस्य ने बताया कि अगली बैठक में सभी सदस्यों को अवगत करवाया जाएगा और चयनकर्ताओं के लिए केवल प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को ही चुनने के लिए निर्देश करवाए जाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम
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