यूक्रेन की महिलाओं ने किए भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन, रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की कामना की

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यूक्रेन की महिलाओं ने किए भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन, रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की कामना की


यूक्रेन की महिलाओं ने किए भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन, रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की कामना की


यूक्रेन की महिलाओं ने किए भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन, रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की कामना की


यूक्रेन की महिलाओं ने किए भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन, रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की कामना की


मंदसौर, 13 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मंदसौर स्थित अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में शनिवार देर शाम एक भावुक और आध्यात्मिक दृश्य देखने को मिला, जब यूक्रेन से आई छह सदस्यीय महिला श्रद्धालुओं का दल भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए मंदिर परिसर पहुंचा। यूक्रेन की महिला श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के दौरान नतमस्तक होकर प्रार्थना करते नजर आईं। दर्शन के समय दल में शामिल एक महिला की आंखों से आंसू बहते देखे गए। यूक्रेन से आए इस दल ने भगवान पशुपतिनाथ से रूस-यूक्रेन युद्ध के शीघ्र समाप्त होने और विश्व में शांति व मानवता की स्थापना की कामना की।

इस अवसर पर महिलाओं के साथ जूना अखाड़ा (भिवानी-हरियाणा) के महामंडलेश्वर स्वामी संगम गिरी महाराज भी उपस्थित रहे ।उन्होंने यूक्रेन की महिला श्रद्धालुओं को पशुपतिनाथ मंदिर की भव्यता, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक दिव्यता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यूक्रेन से आए दल में कर्णेश्वरी भी शामिल थीं, जो माता काली की अनन्य भक्त हैं। अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर वे अत्यंत भावुक हो उठीं।

इस अवसर पर कर्णेश्वरी ने कहा किइस पावन स्थल पर आकर ऐसा अनुभव हुआ, मानो ईश्वर साक्षात आसपास उपस्थित हों। उन्होंने बताया कि उन्होंने भगवान पशुपतिनाथ से यूक्रेन में चल रहे युद्ध के अंत और शांति की बहाली के लिए प्रार्थना की है।

विदेशी श्रद्धालुओं की यह भावुक उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि भगवान पशुपतिनाथ का आध्यात्मिक प्रभाव देश-विदेश की सीमानओं से परे है। यह पवित्र स्थल शांति, करुणा, मानवता और विश्व बंधुत्व का संदेश देता है। अपनी अद्वितीय अष्टमुखी प्रतिमा और आध्यात्मिक विशेषताओं के कारण पशुपतिनाथ मंदिर की पहचान विश्वभर में है। यही कारण है कि देश के साथ-साथ विदेशी श्रद्धालु भी बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए निरंतर मंदिर पहुंच रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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