बहुत खास बन रहा रामलला के अस्थाई मंदिर का अंतिम दीपोत्सव

बहुत खास बन रहा रामलला के अस्थाई मंदिर का अंतिम दीपोत्सव
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बहुत खास बन रहा रामलला के अस्थाई मंदिर का अंतिम दीपोत्सव




- गाय के गोबर से तैयार 10 हजार दीपकों से सजने लगा रामलला दरबार 

- अयोध्या स्थित कान्हा गौशाला में तैयार किये गये हैं दीपक 

अयोध्या, 11 नवम्बर (हि.स.)। रामलला की जन्मभूमि अयोध्या में शुरू हुए दीपोत्सव के दौरान उनकी जन्मभूमि स्थित अस्थाई मंदिर के आखिरी दीपोत्सव को खास बनाया जा रहा। चूंकि, इसके बाद होने वाले दीपोत्सव में भगवान श्रीराम का नया मंदिर इस दृश्य को खुद में समेटने को तैयार होगा।

उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसी दिन रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे और उनकी पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी।

ज्ञातव्य हो कि अभी अयोध्या में भगवान श्रीराम का पूजन अस्थाई मंदिर में हो रहा है। इस वर्ष अस्थाई मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला के दर्शन का अंतिम दीपोत्सव है। इसलिए इस दीपोत्सव को खास बनाया जा रहा है।

देसी गाय के गोबर से बने 10 हजार दीयों से सजेगा रामलला दरबार 

देसी गाय के गोबर से बने 10 हजार विशेष दीयों को रामलला के सामने जलाने की व्यवस्था है। पूरा गर्भगृह, इन्हीं दीपकों से गुलजार होगा। दीपोत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से उन्हें न्योता दिया जा चुका है और उन्होंने अपनी सहमति भी जता दी है। इन दीपकों का निर्माण अयोध्या के ही कान्हा गौशाला में हुआ है।

कहते हैं मुख्य पुजारी

रामलला के मुख्य पुजारी अचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि रामलला के अस्‍थायी गर्भगृह का यह आखिरी दीपोत्सव बहुत खास होगा। रामलला के दरबार को भव्यता दी जा रही है। रामलला दरबार को फूलों से सजाया भी जा रहा है। गाय के गोबर से तैयार 10 हजार दीपक जलाए जाएंगे। रामलला आज नया वस्त्र धारण करेंगे। विविध प्रकार की मिष्ठानों का भोग भी लगाएंगे।

दीपोत्सव में साल-दर-साल बनता गया रिकार्ड 

अयोध्या में योगी सरकार के दौरान राम की पैड़ी पर 2017 में दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। उस वर्ष 01.71 लाख दीपक एक साथ जलाए गए थे। रामलाला की नगरी अयोध्या की दिव्यता में चार चांद लग गये थे। वर्ष 2017 से लेकर हर साल दीपोत्सव पर दीपों का नया रिकॉर्ड बना है। वर्ष 2018 में तीन लाख तथा वर्ष 2019 में 04 लाख 10 हजार दीप जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया था। वर्ष 2020 में रिकार्ड का यह आंकड़ा 05 लाख 51 हजार पहुंचा तो वर्ष 2021 में 07 लाख 50 हजार और वर्ष 2022 में 15 लाख 76 हजार दीपक एक साथ जलाकर गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराया जा चुका है। अब इस बार 21 लाख से अधिक दीये जलाने का दावा किया जा रहा है। पर्यटन विभाग 21 लाख दिये जलाने की तैयारियों में जुटा है तो अयोध्या स्थित राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय इस आंकडे को 24 लाख तक पहुँचाकर नया कीर्तिमान स्थापित करने की राह पर है। 

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. आमोदकांत

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