तेलंगाना दशाब्दी स्थापना दिवस समारोहः पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर ने ठुकराया राज्य सरकार का आमंत्रण
हैदराबाद, 02 जून (हि.स.)। दो जून 2014 को तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बना था। ऐसे में इस वर्ष जब तेलंगाना स्थापना दिवस समारोह की तैयारी की गई तो पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर को राज्य सरकार की ओर से निमंत्रण भेजा गया। हालांकि केसीआर ने आमंत्रण को ठुकरा दिया। इसके बाद से राज्य में राजनीति गर्मा गई है।
दरअसल, तेलंगाना दशाब्दी स्थापना दिवस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा आमंत्रित किये जाने के बाद केसीआर ने 22 पन्नों का पत्र लिखा और समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने पत्र में बताया कि तेलंगाना राज्य का निर्माण लोगों के लंबे संघर्ष का परिणाम है। यह शहीदों के बलिदान का परिणाम है, लेकिन कांग्रेस खुद इसका श्रेय लूटने का शुरू से प्रयास करती रही है और वे शुरू से ही इसका विरोध करते आए हैं। 1969 से पांच दशकों तक यह आंदोलन अलग-अलग चरणों में और अलग-अलग तरीकों से आगे बढ़ा। यह एक सच्चाई है। कांग्रेस बार-बार दोहराती रही है कि पार्टी ने तेलंगाना आंदोलन में खून बहाया है। 1952 का मुल्की आंदोलन सिटी कॉलेज के छात्रों पर गोलीबारी और चार छात्रों की हत्या से शुरू हुआ। कांग्रेस का यह क्रूर इतिहास लगातार जारी रहा।
केसीआर ने अपने पत्र में आगे कहा कि तेलंगाना दशाब्दी उत्सव एक रोमांचक अवसर है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा हर कदम पर बीआरएस का अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार द्वारा आयोजित इस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, इसलिए उन्होंने यह पत्र लिखते हुए मना किया है।
वहीं केसीआर के आमंत्रण ठुकारने पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विपक्षी नेता केसीआर पर तेलंगाना स्थापना दिवस का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्थापना दिवस के प्रति केसीआर की उदासीनता राज्य और राज्य के लोगों के प्रति उनके असम्मान के भाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कुछ मतभेद होने के बावजूद केसीआर को स्थापना दिवस समारोह में आना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर ने अपने कार्यकाल के दौरान तेलंगाना की संस्कृति और परंपराओं को नष्ट किया, जबकि उनकी सरकार इसे पुनर्जीवित कर रही है।
उल्लेखनीय है कि 02 जून 2014 को तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बना। कृष्णा और गोदावरी नदियों के बीच 1,14,840 वर्ग किलोमीटर में फैले इस प्रदेश की आबादी लगभग 3.5 करोड़ है। तेलुगु और उर्दू यहां की दो प्रमुख भाषाएं हैं। हैदराबाद तेलंगाना का दिल है, जो 'सिटी ऑफ़ नवाब्स' व 'सिटी ऑफ़ पर्ल्स' के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
हिन्दुस्थान समाचार/नागराज/आकाश
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