डीपफेक, फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं पूरी दुनिया के लिए चुनौती: रामनाथ कोविन्द
नई दिल्ली, 10 जनवरी (हि.स.)। कोई भी जानबूझकर गलत सूचना फैलाने के लिए डिजिटल साधनों का उपयोग कर सकता है। यह 'डीपफेक', फर्जी समाचार और गलत सूचना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के 55वें दीक्षांत समारोह के दौरान यह बात कही। भारत मंडपम (प्रगति मैदान) में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने पत्रकारिता और मीडिया के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले छात्रों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इन चुनौतियों के बीच नागरिकों को सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के साथ साथ तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार रहें।
पूर्व राष्ट्रपति ने स्नातक छात्रों से अधिक टीआरपी हासिल करने के लिए सनसनीखेज खबरों की प्रवृत्ति से दूर रहने और पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने की शक्ति युवाओं के हाथों में है। उन्हें इस शक्ति का उपयोग बुद्धिमानी से करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता में शॉर्टकट अपनाने की प्रवृत्ति से बचने का भी आग्रह किया।
इस माैके पर आईआईएमसी दिल्ली, आईआईएमसी ढेंकनाल, आईआईएमसी आइजोल, आईआईएमसी अमरावती, आईआईएमसी कोट्टायम और आईआईएमसी जम्मू के 2021-22 और 2022-23 बैच के 700 से अधिक छात्रों ने दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया। छात्रों को हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, ओड़िया पत्रकारिता, मराठी पत्रकारिता, मलयालम पत्रकारिता, उर्दू पत्रकारिता, विज्ञापन और जनसंपर्क, रेडियो और टेलीविजन पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त हुए। इसके अलावा दोनों बैच के 65 विद्यार्थियों को विभिन्न पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। इस माैके पर आईआईएमसी के अध्यक्ष आर. जगन्नाथन, महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर और अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/दधिबल/जितेन्द्र
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