केंद्र ने व्यापार मंडल में विभिन्न क्षेत्रों के 29 सदस्यों को नामित किया
नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्र ने व्यापार बोर्ड में विभिन्न पृष्ठभूमियों और क्षेत्रों से 29 गैर-आधिकारिक सदस्यों को नामित किया है। उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्री की अध्यक्षता वाले व्यापार बोर्ड के लिए गैर-आधिकारिक सदस्यों के रूप में नामित किया गया है।
नए गैर-आधिकारिक सदस्यों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन, केकेआर इंडिया के अध्यक्ष संजय नैयर और लघु उद्योग भारती के कार्यकारी सदस्य ओम प्रकाश मित्तल शामिल हैं।
अधिसूचना के मुताबिक, इनके अलावा लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन के संस्थापक और प्रबंध भागीदार लक्ष्मीकुमारन, महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व सदस्य पाशा पटेल, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज महिंद्रू, जीसीएमएमएफ (अमूल) के प्रबंध निदेशक आर. एस. सोढ़ी, और पश्चिम बंगाल के विधाननगर पाइनएपल डेवलपमेंट ट्रस्ट के सीईओ अरुण मंडल भी इसमें शामिल हैं।
भारत के राजपत्र में वाणिज्य मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है, व्यापार बोर्ड (बीओटी) का गठन व्यापार विकास और संवर्धन परिषद को व्यापार बोर्ड के तहत अधिसूचना संख्या 11/2015-20, दिनांक 17 जुलाई, 2019 के साथ विलय करके किया गया है। इसने यह भी कहा कि इस अधिसूचना के माध्यम से बीओटी के आधिकारिक सदस्यों और पदेन सदस्यों को नामित किया गया है।
व्यापार बोर्ड विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। सदस्यों को व्यापार नीति पर राज्य-उन्मुख ²ष्टिकोण व्यक्त करने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक मंच प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है।
इसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के भागीदार, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने वर्ष 2019 में निर्यात-आयात को बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों के साथ परामर्श प्रक्रिया को अधिक सुसंगत बनाने के लिए व्यापार विकास एवं संवर्धन परिषद का व्यापार बोर्ड के साथ विलय कर दिया था।
इसके आधिकारिक सदस्यों में नीति आयोग के सीईओ, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन के अलावा राजस्व, वाणिज्य, स्वास्थ्य एवं कृषि विभाग के सचिव भी शामिल हैं।
इसके अलावा इसमें पदेन सदस्यों के रूप में उद्योग मंडलों के प्रतिनिधि भी हैं।
फिलहाल नामित किए गए सदस्य आयात और निर्यात के लिए मौजूदा संस्थागत ढांचे की जांच करेंगे और वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए और इसे अधिक सुव्यवस्थित करने के लिए व्यावहारिक उपाय सुझाएंगे। इसके अलावा आयात और निर्यात के लिए नीतिगत उपकरणों और प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी और उपयोग को युक्तिसंगत बनाने के लिए कदम सुझाए जाएंगे।
--आईएएनएस
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