एनसीईआरटी की किताबों में अब अनुशीलन समिति के बारे में रहेगी जानकारी

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एनसीईआरटी की किताबों में अब अनुशीलन समिति के बारे में रहेगी जानकारी नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। बंगाल की एक प्रमुख गुप्त क्रांतिकारी समिति अनुशीलन समिति के बारे में जल्द ही पाठ्यपुस्तकों में पढ़ा जा सकता है, क्योंकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने एनसीईआरटी और शिक्षा बिरादरी से समिति के बारे में पर्याप्त जानकारी को शामिल करने का आग्रह किया है।

आगामी राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा जिक्र करते हुए प्रधान ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में अनुशीलन समिति के इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारी आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगी।

पश्चिम बंगाल में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुशीलन समिति 20वीं सदी में बंगाल से संचालित एक प्रमुख गुप्त क्रांतिकारी समिति थी, जिसका मिशन औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकना और भारत के स्वतंत्रता संग्राम को गति देना था। शिक्षा मंत्री ने अनुशीलन समिति के भवन में तिरंगा भी फहराया।

प्रधान ने कहा कि सतीश चंद्र प्रमथ मित्र, अरबिंदो घोष और सरला देवी द्वारा स्थापित समिति बंगाल की पवित्र भूमि से जुड़ी विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं में से एक थी, जिसने राष्ट्रवादी लेखन, प्रकाशन और स्वदेशी पर जोर देकर देश की अंतरात्मा को प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि देशबंधु चित्तरंजन दास, सुरेंद्रनाथ टैगोर, जतिंद्रनाथ बनर्जी, बाघा जतिन जैसे महान व्यक्ति अनुसिलन समिति से जुड़े थे। प्रधान ने कहा, हेडगेवार समिति के पूर्व कार्यकर्ता भी थे। मुझे खासकर अमृत महोत्सव के दौरान इन महान हस्तियों को सम्मान देने का सौभाग्य मिला है।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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