(वार्षिकी) ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों और प्रगति का वर्ष रहा 2025
पटना, 31 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में बिहार ने वर्ष 2025 में ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य आज चौबीस घंटा गुणवत्ता पूर्ण, सस्ती और सतत् बिजली आपूर्ति का प्रतीक बन चुका है। बिजली की बढ़ती मांग राज्य में औद्योगिक निवेश और आधारभूत संरचना के तीव्र विकास का संकेत है। ऊर्जा विभाग ने वर्ष 2025 को उपलब्धियों, नवाचार और आत्मनिर्भरता का वर्ष बनाया है।
वर्ष 2025 की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में 24x7 गुणवत्ता पूर्ण बिजली आपूर्ति हो रही है। बिजली मांग में बढ़ोतरी राज्य में निवेश और आधारभूत संरचना विकास का संकेत है। राज्यवासियों को सस्ती, सुलभ और सतत् बिजली उपलब्ध कराने के लिए समर्पित ऊर्जा विभाग के लिए 2025 उपलब्धियों का साल रहा।
राज्यवासियों को सस्ती, सुलभ और सतत् बिजली उपलब्ध कराने को विभाग समर्पित
ऊर्जा सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार सिंह ने कहा, नए वर्ष में नई ऊर्जा के साथ ऊर्जा विभाग, बिहार राज्यवासियों को सस्ती, सुलभ और सतत् बिजली उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है, ताकि विकास की रोशनी हर घर तक पहुंच सके।
वर्ष 2025 में घरेलू उपभोक्ताओं को नि:शुल्क बिजली
मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक निशुल्क बिजली मिल रही है। इससे, राज्य के करीब 90 फीसदी घरेलू उपभोक्ताओं का मासिक बिजली बिल शून्य आ रहा है। अन्य सभी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल रु 19,792 करोड़ का अनुदान देकर देशभर में ऊर्जा क्षेत्र में कीर्तिमान बनाया है।
किसानों की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत
मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत सिंचाई के लिए सभी किसानों एवं कोल्ड स्टोरेज को 55 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिल रही है, जिससे अब बिजली से खेती डीजल के मुकाबले 10 गुना सस्ती हो गयी है। इससे किसानों की आमदनी और आम जन के लिए सस्ती कृषि उत्पादों की उपलब्धता बढ़ी है। हर खेत तक बिजली के लक्ष्य को समर्पित मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के दूसरे चरण में 80 फीसदी काम समय से पहले पूरा हुआ है। 2026-27 के लिए तय 4.79 लाख कृषि कनेक्शनों के लक्ष्य में से 3.86 लाख नि:शुल्क कनेक्शन दिए जा चुके हैं। साथ ही, पीएम कुसुम योजना के तहत 1121 उपकेंद्रों से जुड़े 3681 कृषि फीडरों का सोलराइजेशन कार्य शुरू हो चुका है। इससे किसान सौर ऊर्जा से सिंचाई और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय बढ़ा सकेंगे।
उपभोक्ताओं को सुलभ सेवा
बिहार देश का अग्रणी राज्य है जहां 82 लाख से अधिक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं, जिससे उपभोक्ता 25 पैसे प्रति यूनिट छूट का लाभ उठा रहे हैं।फ्यूज कॉल सेंटर (1912), सोशल मीडिया और एकीकृत CRM प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ता शिकायतों का समय पर निवारण किया जा रहा है।
उद्योग को लगातार विद्युत सेवाएं
बिहार में निवेश और आधारभूत संरचना का भी विकास तेजी से हो रहा है। ऐसे में अनुमानित विद्युत मांग को देखते हुए विभाग उद्योंगों को मिलने वाली विद्युत सेवाओं को सरल और सुलभ बनाने में तत्परता से जुटा है। ऊर्जा विभाग ने उद्योगों को 7 दिन में बिजली कनेक्शन, डेडिकेटेड फीडर और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने में सफलता पायी है।
अक्षय ऊर्जा में अग्रणी बन रहा
अक्षय और सतत् ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों के लिए कई विशेष छूटों के साथ बिहार में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 को मंत्रिपरिषद् द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही, ऊर्जा भंडारण की दीर्घकालिक व्यवस्था विकसित करने तथा ग्रिड स्थिरता को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बिहार पंप्ड स्टोरेज संवर्धन नीति 2025 अधिसूचित हुई। उल्लेखनीय है कि नीति के अधिसूचित होने के मात्र छह महीने के भीतर राज्य में नवादा में दो पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं के लिए 13000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है।
साथ ही, भागलपुर के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट की ताप विद्युत संयंत्र परियोजना का निर्माण होगा जिसके लिए करीब 26,400 करोड़ रुपये का निवेश राज्य को प्राप्त हुआ है। यह राज्य में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश है। इस परियोजना में 800 मेगावाट की 3 इकाइयां स्थापित की जाएंगी जिनसे करीब 10 से 12 हजार नौकरियां सृजित होंगी।
हजारों युवाओं को मिला रोजगार
विद्युत कंपनियों में वित्तीय वर्ष 2025 में सहायक कार्यपालक अभियंता, पत्राचार लिपिक, कनीय लेखा लिपिक समेत विभिन्न पदों पर 3,265 कर्मियों की नियुक्ति की गयी। इसमें विभिन्न पदों जैसे सहायक कार्यपालक अभियंता (जीटीओ) के 67, कनीय विद्युत अभियंता (जीटीओ) के 104, कनीय लेखा लिपिक के 704, पत्राचार लिपिक के 512, भंडार सहायक के 68 और तकनीशियन ग्रेड-3 के 1810 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।
पुरस्कार और प्रोत्साहन का वर्ष
बिहार की बिजली कंपनियों को उत्कृष्ट सेवा और परियोजना क्रियान्वयन के लिए कई पुरस्कार और प्रोत्साहन मिले, जिनमें विद्युत मंत्रालय द्वारा उपभोक्ता सेवा रेटिंग में ‘ए’ ग्रेड, इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित 19वें इंडिया एनर्जी समिट और 13वें इनोवेशन विद इम्पैक्ट अवार्ड्स फॉर डिसकॉम्स में विभिन्न श्रेणीयों में शीर्ष स्थान, रूफटॉप सोलर व प्रधानमंत्री सूर्य घर योजनाओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, ईटी डिजिटेक अवॉर्ड 2025, PFC का A+ ग्रेड, एवं ट्रांसटेक इंडिया अवॉर्ड शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

