फतवा की परवाह किए बिना अंगदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं अल्लामा सैयद अब्दुल्लाह तारिक
- 400 से अधिक लोग 25 अगस्त को दिल्ली में आयोजित समारोह में अंगदान का लेंगे संकल्प
नई
दिल्ली, 22 अगस्त (हि.स.)। इस्लाम में अंगदान मना होने की आम धारणा के विपरीतवर्ल्ड
आर्गेनाइजेशन ऑफ रिलीजन्स एंड नॉलेज (वर्क) इस भ्रांति को तोड़ने के लिए एक
अभूतपूर्व पहल कर रहा है। वर्क 400 से अधिक लोगों को अंगदान के संकल्प के
लिए एक मंच पर लाया है, जिनमें बड़ी संख्या में मुसलमान शामिल हैं।
वर्क के
अध्यक्ष अल्लामा सैयद अब्दुल्लाह तारिक़ ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक
प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी।
अल्लामा
ने बताया कि अंगदान समाज में इस जीवन-रक्षक कार्य की व्यापक समझ और स्वीकृति को
बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम मानवता की भलाई के लिए आया है। पैगम्बर
मोहम्मद साहब ने हमेशा अपने लोगों को समाज के अन्य लोगों की मदद के लिए तैयार रहने
को कहा है। कुरान ने भी इंसानियत की भलाई का बार-बार हुक्म दिया। अगर सबसे बड़ा
दान कोई है तो वह अंगदान है। इसलिए मानवता की भलाई के लिए मुसलमानों को अंगदान करने
के लिए सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले खून देने के लिए भी तरह तरह के फतवे
आए लेकिन अब इस की परवाह किए बिना लोग बड़ी संख्या में रक्तदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके ऊपर पहले भी कट्टरपंथी मौलवियों ने फतवा जारी किया है, अब भी
करेंगे लेकिन मुझे अब इसकी कोई परवाह नहीं है। उनका कहना है कि यह समाज की एक
जरूरत है और मुसलमान जब अंगदान नहीं करेंगे तो उन्हें जब इस की जरूरत पड़ेगी तो
उन्हें कौन अंगदान करेगा।
वर्क की
केंद्रीय सचिव और वर्क महिला विंग की अध्यक्ष, सुश्री सुमू तारिक ने बताया कि वर्क
देश के 200 से ज्यादा जिलों और कई अन्य देशों में समाज की भलाई के लिए निरंतर काम कर
रहा है। उन्होंने कहा कि वर्क बिना किसी सरकारी या बाहरी वित्तीय सहायता के पूरी
तरह से स्व-निधि से काम करता है। वर्क के दिल्ली चैप्टर के स्टेट हेड मुबश्शिर
हुसैन ने कहा कि गत 36 वर्षों से वर्क मानवता के प्रति समर्पित होकर सेवा मूलक कार्य कर रहा है और
करुणा को बढ़ावा दे रहा है। 37वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में, वर्क समाज
में अंगदान को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास कर रहा है। वर्क के
दिल्ली चैप्टर की महिला प्रकोष्ठ की स्टेट हेड आसिया तारिक़ ने कहा कि 1988 में अपनी
स्थापना के बाद से वर्क करुणा और सेवा का प्रतीक रहा है।
हिन्दुस्थान
समाचार/मोहम्मद ओवैस
हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद / प्रभात मिश्रा
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