पश्चिम बंगाल में मिसाइल परीक्षण के लिए आईटीआर बनाने की योजना अटकी
- मछुआरों के विरोध पर मिसाइल प्रक्षेपण केंद्र का कार्य अचानक रोका गया- डीआरडीओ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना ने राजनीतिक मोड़ भी लिया
नई दिल्ली, 20 जुलाई (हि.स.)। मिसाइलों का परीक्षण करने के लिए ओडिशा के चांदीपुर की तर्ज पर पश्चिम बंगाल में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) बनाने की योजना मछुआरों और स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद अटकती नजर आ रही है। पूर्वी मेदिनीपुर जिले के जुनपुट में मिसाइल प्रक्षेपण केंद्र बनाने का जुलाई में शुरू किया गया कार्य अचानक रोक दिया गया है।गतिरोध जारी रहने के कारण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इस महत्वाकांक्षी परियोजना ने राजनीतिक मोड़ भी ले लिया है।
दरअसल, भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्मित होने वाली मिसाइल, रॉकेट या अन्य किसी प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण करने के लिए फिलहाल ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) है। इसी तर्ज पर एक और आईटीआर बनाने की जरूरत को देखते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के जुनपुट में इसे बनाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया था, ताकि यहां से भी परीक्षण किये जा सकें। इसके लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित केंद्र और राज्य सरकारों से मंजूरी ली गई थी। इसके बाद बंगाल की खाड़ी में अप्रैल में कार्य शुरू किया गया था लेकिन मछुआरों और स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद केंद्र का काम अचानक रोक दिया गया है।
डीआरडीओ ने हथियार प्रणालियों के लिए पश्चिम बंगाल के जुनपुट गांव में एक परीक्षण केंद्र स्थापित करने की परियोजना शुरू की है। दीघा के पास 8.73 एकड़ में फैले इस आईटीआर पर हथियार प्रणालियों का परीक्षण किया जाना है। डीआरडीओ ने सुरक्षा और पर्यावरण पर जोर देते हुए सुरक्षा मानदंडों का पालन करके परीक्षणों के दौरान स्थानीय समुदायों को न्यूनतम व्यवधान होने की बात कही है। डीआरडीओ ने आसपास के लोगों, विशेष रूप से मछुआरों, किसानों की भलाई और उनकी आजीविका को संरक्षित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है, ताकि क्षेत्र में शांति और सद्भाव बना रहे।
डीआरडीओ ने देश की हथियार प्रणालियों के लिए एक छोटा परीक्षण केंद्र बनाने के लिए भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर के रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में अत्याधुनिक सेंसर, हथियार प्रणाली, प्लेटफॉर्म और संबद्ध उपकरणों को डिजाइन और विकसित करने का लक्ष्य रखा है। ओडिशा के चांदीपुर की तरह जुनपुट भी बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित है, जो अपने एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लिए जाना जाता है। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि हथियार प्रणालियों का समय पर परीक्षण सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए चांदीपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर दीघा के पास जुनपुट में एक और आईटीआर बनाने की परियोजना शुरू की गई। जुनपुट कोलकाता से 177 किमी और समुद्री रिसॉर्ट शहर दीघा से 40 किमी दूर है।
स्थानीय समुदाय ने संभावित पर्यावरणीय प्रभाव, आजीविका में व्यवधान और पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता जताई है। मिसाइल परीक्षणों के दौरान मछुआरे समुद्री गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर आशंकित हैं। हालांकि, प्रदेश में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस परियोजना का समर्थन करने का दावा करती है, लेकिन भाजपा सहित विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर प्रदर्शनकारियों का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करने का आरोप लगाया है। इसलिए गतिरोध जारी रहने के कारण इस मुद्दे ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जिससे डीआरडीओ की यह महत्वपूर्ण परियोजना अटकती नजर आ रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम / संजीव पाश
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